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सवर्णों को आरक्षण: BJP ने बताया 56 इंची फैसला, कांग्रेस बोली- ये सिर्फ मजाक

Reservation for Upper Caste मोदी सरकार ने सोमवार को एक बड़ा फैसला लिया है. अब सवर्णों को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाएगा. सरकार के इस फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं.

Narendra Modi (File Pic) Narendra Modi (File Pic)
aajtak.in/सुप्रिया भारद्वाज/गोपी घांघर
  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 5:55 PM IST

नए साल के आते ही लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों ने तेजी पकड़ ली है. 2019 की पहली ही कैबिनेट बैठक में नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया. अब आर्थिक आधार पर सवर्णों को भी 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं. यहां पढ़ें सभी राजनीतिक दलों, नेताओं की प्रतिक्रियाएं...

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कांग्रेस

कांग्रेस की अमी याज्ञनिक का कहना है कि इस प्रकार के आरक्षण पर काफी तकनीकि दिक्कतें हैं, लोकसभा चुनाव से पहले इस प्रकार आरक्षण देने का क्या मकसद है ये भी देखना होगा. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर बिल आने और पास होने में काफी समय लग सकता है. सरकार इस मुद्दे को लेकर सीरियस नहीं है.

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने इस फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि सरकार का ये फैसला काफी अच्छा है, इससे समाज के एक बड़े तबके को लाभ होगा. उन्होंने कहा कि सवर्णों में भी कई ऐसे लोग हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं.

केटीएस तुलसी

कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने मोदी सरकार के इस फैसले को मजाक बताया है. उन्होंने कहा कि ये लोग जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं, इस बिल को ये पास भी नहीं करवा सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई साधारण बिल पास नहीं हो पा रहा है तो फिर ये बिल कैसे पास हो पाएगा.

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मनोज झा, RJD

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मनोज झा का कहना है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस फैसले को लिया गया है. ये सिर्फ एक चुनावी जुमला है.

हार्दिक पटेल

पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने सवाल उठाया है कि क्या ये सिर्फ एक चुनावी जुमला ही तो नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले काफी दिनों से संसद चल रही थी ऐसे में आखिरी दिनों में इस प्रकार का फैसला करना, ये सिर्फ एक सरकार का नया नाटक है.

शिवप्रताप शुक्ला

केंद्रीय मंत्री शिवप्रताप शुक्ला का कहना है कि इस तरीके का फैसला सिर्फ 56 इंच सीने वाला व्यक्ति ही ले सकता है. ये एक ऐतिहासिक फैसला है.

हरीश रावत

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि बहुत देर कर दी मेहरबां आते-आते, उन्होंने कहा कि ये फैसला चुनाव को देखते हुए किया गया है. उन्होंने कहा कि अब वो चाहे जो भी जुमला दे लें लेकिन ये सरकार बचने वाली नहीं हैं.

ये भी पढ़ें.. लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का बड़ा ऐलान, सवर्ण जातियों को मिलेगा 10% आरक्षण

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