
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले पांच सालों के लिए फिर से देश की सत्ता संभाल ली है. गुरुवार को प्रधानमंत्री ने 57 मंत्रियों के साथ शपथ ली. प्रधानमंत्री समेत जिन 58 सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली है. इसमें 25 कैबिनेट मंत्री हैं, 24 राज्य मंत्री हैं, जबकि 9 को राज्य मंत्री का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है. इंडिया डुटे डाटा इंटेलीजेंस यूनिट ने नवनियुक्त मंत्रियों की शैक्षिक योग्यता की पड़ताल की और पाया कि जितने मंत्रियों ने शपथ ली है उनसे से ज्यादातर पढ़े-लिखे हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के आंकड़ों के मुताबिक, नई सरकार के 84 फीसदी मंत्रियों ने स्नातक या उससे ऊपर की उच्च शिक्षा हासिल की है. इनमें ज्यादातर संख्या में स्नातक यानी ग्रेजुएट हैं. कुल मंत्रियों में से 16 यानी 28 फीसदी ग्रेजुएट हैं. पोस्ट ग्रेजुएट मंत्रियों की संख्या भी 28 फीसदी है. जबकि 12 मंत्री यानी 21 फीसदी के पास इंजीनियरिंग, सीए, लॉ जैसी प्रोफेशनल ग्रेजुएट डिग्री है.
5 मंत्री यानी 9 फीसदी ऐसे हैं जिनके पास डॉक्टरेट ( पीएचडी) की डिग्री है. ये 5 मंत्री हैं— विदेश मंत्री एस जयशंकर, कौशल विकास मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल, सड़क, परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री वी के सिंह और पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान.
बाकी मंत्रियों में से 6 ऐसे हैं जो 12वीं पास हैं, दो मंत्री 10वीं पास हैं. यानी जो मंत्री सबसे कम-पढ़े लिखे हैं वे भी 10वीं पास हैं. ये दोनों मंत्री हैं— पंजाब के बठिंडा से सांसद और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल और असम के डिब्रूगढ़ से सांसद और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री रामेश्वर तेली. हालांकि, हरसिमरत दिल्ली की संस्था साउथ डेली पॉलिटेक्निक से टैक्सटाइल डिजाइनिंग में डिप्लोमा भी कर चुकी हैं.
चुनाव नतीजों के पहले हमने पार्टी प्रत्याशियों के आंकड़ों की पड़ताल करके स्टोरी Here are India's most educated political parties लिखी थी कि करीब 48 फीसदी चुनाव उम्मीदवार ग्रेजुएट हैं. बीजेपी ने जितने उम्मीदवार उतारे थे, उनमें से 71 फीसदी प्रत्याशी ग्रेजुएट थे.