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सिर्फ पीएम के लिए होगी SPG सुरक्षा, इसी सत्र में बिल लाएगी मोदी सरकार

गांधी परिवार से SPG सुरक्षा वापस लेने पर सरकार कांग्रेस के निशाने पर है. संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस ने ये मामला उठाया. इस बीच खबर है कि सरकार संसद के मौजूदा सत्र में SPG संशोधन विधेयक पेश करेगी.

सोनिया गांधी और राहुल गांधी (फाइल फोटो) सोनिया गांधी और राहुल गांधी (फाइल फोटो)
पॉलोमी साहा
  • ,
  • 22 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 3:48 PM IST

  • गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा को लेकर कांग्रेस हमलावर
  • संसद में बार-बार सरकार को घेरने की कोशिश में कांग्रेस

गांधी परिवार से SPG सुरक्षा वापस लेने पर मोदी सरकार लगातार कांग्रेस के निशाने पर है. संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस ने यह मामला उठाया था. इसके बाद कांग्रेस लगातार इसे लेकर सरकार का विरोध कर रही है. इस बीच खबर है कि सरकार संसद के मौजूदा सत्र में SPG संशोधन विधेयक भी पेश कर सकती है.

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SPG संशोधन विधेयक से जुड़ी जानकारी के मुताबिक यह विधेयक एसपीजी सुरक्षा को केवल प्रधानमंत्री तक सीमित रखने पर केंद्रित होगा. बता दें कि गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने पर कांग्रेस ने सत्र के पहले ही दिन मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की थी और भारी हंगामा किया था.

सरकार बोली इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं

लोकसभा में कांग्रेस की ओर से इस मसले को जोरदार तरीके से उठाया गया. कांग्रेस सांसदों का आरोप है कि सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. वहीं सरकार की ओर से यह कहा गया है कि इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है.

दूसरे दिन शून्यकाल में कांग्रेस का हंगामा

शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन शून्यकाल के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने उठाया गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने का मसला. आसन ने इस विषय से भी इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि नियम के मुताबिक विषय लाएं. इसके बाद हंगामे के बीच गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने के मुद्दे को लेकर कांग्रेस के सांसदों ने लोकसभा से वॉक आउट भी कर लिया था.

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आनंद शर्मा ने राज्यसभा में उठाया मुद्दा

शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को राज्यसभा में इसी मुद्दे को आनंद शर्मा ने उठाया. आनंद शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार से गुजारिश है कि हमारे नेताओं की सुरक्षा राजनीति से अलग रखें. सुब्रमण्यम स्वामी ने आनंद शर्मा को जवाब देते हुए कहा कि गृह मंत्रालय लगातार खतरे का आकलन करता है. यह उसी आधार पर हुआ. यूपीए सरकार के समय भी कई नेताओं की सुरक्षा कम की गई थी.

वहीं इस मामले पर बोलते हुए जे पी नड्डा कहा कि इसमें कुछ भी राजनीतिक नहीं है. सुरक्षा हटाई नहीं गई है. गृह मंत्रालय के पास एक नियमावली है और प्रोटोकॉल है. यह किसी राजनेता द्वारा नहीं बल्कि गृह मंत्रालय द्वारा किया गया है.

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