
असम में एनआरसी(राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) के मुद्दे को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एनआरसी के लिए असम में तैनात किए गए सुरक्षा बल को आम चुनाव के लिए वापस नहीं लिया जाएगा. अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कोर्ट को बताया कि गृह सचिव का निर्देश है कि 167 कंपनियां जो राज्य में तैनात की गई हैं वो बनी रहेंगी.
इसके अलावा केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चुनाव के बावजूद एनआरसी प्रक्रिया के लिए सुरक्षा बल या स्टाफ की कमी नहीं होने दी जाएगी. वहीं कोर्ट ने एनआरसी के लिए मियाद बढ़ाने की मांग को ठुकरा दिया है.
बता दें कि कोर्ट ने एनआरसी प्रक्रिया का काम 31 जुलाई तक पूरा करने का आदेश दिया हुआ है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव के चलते इस मियाद को बढ़ाने से मना कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 10 अप्रैल तक एनआरसी प्रक्रिया का स्टेटस सौंपने को कहा है.
इस बीच वायु सेना के सेवानिवृत्त सार्जेंट सादुल्लाह अहमद द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आवेदन दायर किया गया. सादुल्लाह अहमद का नाम एनआरसी सूचियों के मसौदे में शामिल नहीं है. याचिका में कहा गया है कि उनका नाम इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि उनकी बहन को 'विदेशी' घोषित किया गया था.
इसके अलावा भारत में पैदा हुए उनके बच्चों को भी 'विदेशी' घोषित किया गया. उन्होंने पूछा कि कैसे एक एयरफोर्स अधिकारी का नाम इसमें शामिल नहीं किया जाता है. इस मामले की सुनवाई 26 मार्च को होगी.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने असम में अवैध प्रवासियों के निर्वासन के मामले में केंद्र और असम सरकार को आड़े हाथों लिया है. कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को हिरासत केंद्रों में हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या के बारे में हलफनामा दायर करने को कहा है.