
केंद्र की मोदी सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 36,400 करोड़ का जीएसटी मुआवजा जारी कर दिया है. यह जीएसटी मुआवजा दिसंबर, 2019 से फरवरी, 2020 तक का बताया जा रहा है. गौरतलब है कि देश के विभिन्न राज्य जीएसटी बकाये को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं. कई राज्यों ने प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग के दौरान भी इस मुद्दे को उठाया था.
बता दें कि केंद्र सरकार ने यह महत्वपूर्ण फैसला इस वक्त इसलिए लिया है क्योंकि राज्यों को कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए धन की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता थी. जानकारी के मुताबिक अप्रैल-नवंबर, 2019 की अवधि के लिए केंद्र सरकार द्वारा 1,15,096 करोड़ रुपये का कुल जीएसटी अनुदान पहले ही जारी किया गया था.
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दरअसल देश के कई राज्य जीएसटी मुआवजे को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे थे क्योंकि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से उनके संसाधनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था. राज्य अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे, इसी वजह से कई राज्यों ने शराब और ईंधन पर करों में वृद्धि का सहारा भी लिया था.
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टैक्स में बढ़ोतरी की शुरुआत दिल्ली के मुख्यमंत्री, अरविंद केजरीवाल ने 70% टैक्स को बढ़ाने के साथ की थी जिसके बाद जल्द ही उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल हर राज्य ने करों में वृद्धि का इस्तेमाल राजस्व बढ़ाने के तरीके के रूप में किया.
बता दें कि राज्य सरकारें ईंधन, शराब, संपत्ति पंजीकरण और वाहन बिक्री के करों के माध्यम से आय अर्जित करती हैं. लेकिन, लॉकडाउन के कारण सभी चीजें लगभग बंद सी हो गई थीं इस वजह से राज्यों के पास आय के साधन सीमित हो गए थे.
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