
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार के नई दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास से सुरक्षा हटा दी गई है. इसे लेकर केंद्र सरकार पर बदले की राजनीति का आरोप लगाया गया है. वहीं, आवास से सुरक्षा हटाए जाने पर एनसीपी और शिवसेना ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि सुरक्षा हटाना चौंकाने वाला है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात से वाकिफ हैं कि शरद पवार एक वरिष्ठ नेता हैं और वो कई बार खतरे का सामना कर चुके हैं. संजय राउत ने कहा कि उन पर पहले भी हमला हो चुका है, हमने इसे देखा है. पहले सोनिया गांधी और राहुल गांधी और अब पवार की सुरक्षा घटाई गई है, जो गंभीर चिंता का विषय है.
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'जनता का स्नेह ही पवार साहब का असली सुरक्षा कवच'
महाराष्ट्र के जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने भी बीजेपी की आलोचना की और केंद्र के इस कदम को महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की हार से जोड़ा. वहीं, राज्य के आवास मंत्री जितेंद्र अव्हाड ने कहा, 'शरद पवार किसी को डराने वाली रणनीति से भयभीत नहीं होंगे. चिंता की बात नहीं है, जनता का स्नेह ही पवार साहब का असली सुरक्षा कवच है.'
जानकारी के मुताबिक, देश की राजधानी दिल्ली में पवार के निवास पर तैनात दिल्ली पुलिस के सुरक्षाकर्मियों को 20 जनवरी से अचानक हटा लिया गया. हालांकि, महाराष्ट्र में उन्हें घर और उनके दौरों पर पर्याप्त सुरक्षा दी जाती है.
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पार्टी की लड़ाई जारी रहेगी: नवाब मलिक
वहीं, एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक का कहना है कि इस तरह के कदम से पार्टी नेताओं को डराया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ पार्टी की लड़ाई जारी रहेगी. मलिक ने कहा कि राज्यसभा सदस्य व पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार को राष्ट्रीय राजधानी में वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी.
गौरतलब है कि दिल्ली स्थित आधिकारिक आवास से सुरक्षा हटाए जाने के बाद से अभी तक शरद पवार, उनकी बेटी सुप्रिया सुले या उनके भतीजे व महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
(IANS इनपुट के साथ)