
मॉनसून इस बार पहले ही एक हफ्ते की देरी से आ रहा था, उसे और धीमा कर दिया गुजरात की तरफ आए चक्रवाती तूफान वायु ने. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक 12 साल बाद पहली बार मॉनसून एक्सप्रेस इतनी धीमी चाल से चल रही है. 18 से 19 जून तक मॉनसून देश के दो-तिहाई हिस्से तक पहुंच जाता था, इस बार उसने सिर्फ 10 से 15 फीसदी इलाके को ही कवर किया है. मौसम विभाग के अनुसार 19 जून तक 82.4 फीसदी बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन इसमें अभी 44 फीसदी की कमी है.
मॉनसून की इस धीमी गति से किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं. क्योंकि, लेट आने वाले मॉनसून से खरीफ की फसल प्रभावित हो सकती है. मॉनसून की बारिश में कमी आने से अन्नदाता परेशान हो गए हैं. इस बार तो प्री-मॉनसून बारिश भी नहीं हुई. इसकी वजह से दलहन की फसल पर बुरा असर पड़ सकता है.
जानिए... कहां कितनी का हुई बारिश
क्षेत्र होनी चाहिए थी कितनी हुई कमी
पूर्व/NE भारत 188.1 मिमी 107.5 मिमी 43%
NW भारत 32.9 मिमी 23.9 मिमी 27%
मध्य भारत 72.2 मिमी 30.8 मिमी 57%
दक्षिणी भारत 91.7 मिमी 57.3 मिमी 38%
12 साल में पहली बार इतनी देरी से आ रहा है मॉनसून
2007 से लेकर 2019 तक के मॉनसून सीजन में यह पहली बार है जब 19 जून तक मॉनसून के आगे बढ़ने की गति इतनी धीमी है. जबकि, 2013 में इसकी गति सबसे तेज थी. जब 16 जून तक मॉनसून ने पूरे देश को कवर कर लिया था. जबकि इस बार मॉनसून अब तक सिर्फ 10 से 15 फीसदी इलाके को ही कवर कर पाया है.
देश के किस राज्य में कब पहुंचेगा मॉनसून
केरल में एक हफ्ते की देरी से पहुंचा था मानसून
मौसम विभाग के मुताबिक देश के पश्चिमी तट महाराष्ट्र से लेकर गुजरात तक चक्रवात के कारण बारिश हो रही थी. मानसून के कारण केवल तटीय कर्नाटक तथा केरल में ही बारिश हो रही है. केरल में 8 जून को मॉनसून आया था, जो अपने तय समय से 7 दिन की देरी से पहुंचा था. उधर, देश में पानी की भी कमी है. देश के 91 जलाशयों में मई महीने की आखिरी तारीख तक महज 20 फीसदी पानी ही बचा है. यह पिछले एक दशक में सबसे कम स्तर पर दर्ज की गई है.
सूखे से इन राज्यों की हालत ज्यादा खराब
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और राजस्थान सूखे से बुरी तरह प्रभावित हैं. असामान्य रूप से सूखे वाली कैटेगरी में बीते साल के 0.68% के मुकाबले इस साल 5.66% की बढ़ोतरी हुई है.
उत्तर पश्चिम और पूर्वोत्तर में कम बारिश का डर
अब सबकी निगाहें मॉनसून की बारिश पर हैं. भारतीय मौसम विभाग ने अपने दूसरे अनुमान में दावा किया है कि ये एक सामान्य मॉनसून होगा. लेकिन उत्तर पश्चिम भारत और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश होने की आशंका है.