
संसद का इस बार का मानसून सत्र सरकार के लिए काफी अच्छा रहा. मोदी सरकार की जीएसटी पास करवाने की कोशिश रंग लाई. इस संशोधन बिल पर विपक्ष का सहयोग पाने में सरकार कामयाब रही. सरकार के लिए पिछले काफी समय से जीएसटी के लिए विपक्ष खासतौर से कांग्रेस को मनाना मुश्किल हो रहा था, जो इस सत्र में सफल हुआ.
इन विधेयकों पर लगी मुहर
सरकार ने विपक्ष के सहयोग के कारण जीएसटी संबंधित संविधान संशोधन विधेयक सहित कई और महत्वपूर्ण विधेयक पास करवा लिए. इस सत्र के दौरान सरकार ने जीएसटी संबंधी सविधान का 122वां संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से राज्यसभा और फिर लोकसभा दोनों से पास करवा लिया. इसके अलावा सरकार बाल श्रम रोकथाम एवं नियमन संशोधन विधेयक 2016, बेनामी लेन-देन रोकथाम विधेयक 2015, ऋण वसूली से संबंधित संशोधन विधेयक और प्रसूति सुविधा विधायक पास करवाने में भी सफल रही.
लोकसभा में हंगामे के भेंट चढ़े साढ़े छह घंटे
इस बार का मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरू हुआ और 12 अगस्त तक चला. इस सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा की 20 बैठकें हुई. लोकसभा में कुल 121 घंटे कामकाज हुआ. हंगामे के कारण 6 घंटे 30 मिनट का समय बर्बाद हुआ, लेकिन सदस्यों ने 18 घंटे ज्यादा समय बैठकर कामकाज निपटाया.
राज्यसभा में 20 घंटे हंगामा
दूसरी ओर, राज्यसभा में 112 घंटे कामकाज हुआ. जबकि हंगामे के कारण 20 घंटे का समय बर्बाद हुआ. लेकिन इस बर्बाद हुए समय की भरपाई सदस्यों ने बाद में कुछ और समय बैठकर की.
स्पीकर ने कहा- सफल रहा मानसून सत्र
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इस सत्र को सफल बताते हुए पूरा ब्योरा दिया और बताया कि इस सत्र में 14 सरकारी विधायक पेश हुए और 13 विधेयक पारित हुए. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने भी इस बार के मानसून सत्र को काफी अच्छा बताया और कहा कि विपक्ष के सहयोग से ही सरकार बहुत से विधायक कार्यों को पास करवा पाई. खास बात यह रही कि इस सत्र में कश्मीर और दलितों पर अत्याचार जैसे मुद्दों पर भी दोनों सदनों में चर्चा हुई.