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नोटबंदी पर बोले वित्त राज्य मंत्री- कैशलेस सोसाइटी का मतलब कैश बंद करना नहीं

अर्जुन मेघवाल ने बताया कि 8 नवंबर के बाद जनधन खातों में काफी पैसे जमा हुए. जांच एजेंसियों ने पाया कि इन खातों में बिना स्रोत के पैसे जमा हुए. इसीलिए अब इन खातों से महीने में मात्र 10 हजार रुपये निकालने की सीमा तय की गई है. अगर इस पर कोई कदम नहीं उठाया जाता, तो पैसे का गलत इस्तेमाल होता.

वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल
रीमा पाराशर/सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:06 PM IST

नोटबंदी के बाद जनता के सामने आ रही दिक्कतों और उनसे निपटने के उपायों को लेकर वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से 'आज तक' ने खास बातचीत की. अर्जुन मेघवाल ने बताया कि नोटबंदी के बाद जिन समस्याओं की जानकारी मिल रही है, सरकार उनका समाधान समीक्षा बैठकों में कर रही है. उन्होंने कहा, 'शहरी क्षेत्रों में लोग डेबिट कार्ड का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं. हम लोगों को समझा रहे हैं कि ऐप के जरिए भी पैसों का लेन-देन किया जा सकता है. माइक्रो एटीएम और मोबाइल बैंकिंग से लोगों की दिक्कतें काफी हद तक कम हो रही हैं.'

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वित्त राज्य मंत्री ने बताया, 'सरकारी कर्मचारियों को 10 हजार रुपये कैश के तौर पर पहले ही दिए जा चुके हैं और अब सैलरी का बाकी हिस्सा कैश के रूप में होगा या डिजिटल होगा इसकी सूचना बाद में दी जाएगी. प्राइवेट सेक्टर के लोग क्रेडिट और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कर डिजिटल पेमेंट का स्वागत कर रहे हैं. कैशलेश सोसाइटी की तरफ बढ़ने का मतलब कैश बंद करना नहीं है. अगर 40 से 50 फीसदी लोग भी डिजिटल इंडिया की तरफ बढ़ें, तो इसका देश की जीडीपी पर बेहतर असर पड़ेगा. गांवों में जिन एटीएम तक पैसा नहीं पहुंचा, वहां भी अब पैसा पहुंचेगा. 24 हजार रुपये की सीमा अब हटा दी गई है.'

अर्जुन मेघवाल ने बताया कि 8 नवंबर के बाद जनधन खातों में काफी पैसे जमा हुए. जांच एजेंसियों ने पाया कि इन खातों में बिना स्रोत के पैसे जमा हुए. इसीलिए अब इन खातों से महीने में मात्र 10 हजार रुपये निकालने की सीमा तय की गई है. अगर इस पर कोई कदम नहीं उठाया जाता, तो पैसे का गलत इस्तेमाल होता.

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उन्होंने कहा कि सरकार सोने पर भी मोनीटाइजेशन बॉन्ड लेकर आई है, जिन लोगों ने गैरकानूनी तौर पर सोना रखा है, वे उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे. जिन लोगों ने 8 नवंबर के बाद सोना खरीदा या बेचा है, उनके खातों पर नजर रखी जा रही है. मेघवाल ने कहा कि जिन लोगों के पास ईमानदारी के पैसा और सोना है, उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है. जो पैसा बोरों में बंद हो गया था, उस पर हमारी निगाह है.

नोटबंदी का देश की जीडीपी पर नकारात्मक असर से जुड़े पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बयान पर मेघवाल ने बताया कि शुरुआती तौर पर कुछ दिक्कत आ सकती है, लेकिन आगे चलकर इसका फायदा होगा. जैसे आज किसी वर्कर को 15 हजार रुपये देकर 20 हजार रुपये भुगतान का साइन करा लिया जाता है, जब खाते होंगे और ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल होगा, तो ऐसी दिक्कतें नहीं आएंगी और जीडीपी कई गुना बढ़ जाएगी.

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