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सरकार ने कहा- नीरव-चोकसी जैसे 8462 मामलों में रिकवरी के लिए कुर्की की प्रक्रिया जारी

उन्होंने बताया कि फ्राड में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का तकरीबन 11 हजार करोड़ रुपया फंसा है. इसमें माल्या और नीरव मोदी का आंकड़ा केवल 25000 करोड़ रुपया है. बाकी का पैसा कहां है?

वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला
नंदलाल शर्मा
  • नई दिल्ली ,
  • 09 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 3:21 PM IST

वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने देश का पैसा लेकर भागे कारोबारियों को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में विपक्ष को घेरा है. लोकसभा में अपने लिखित जवाब में शुक्ला ने कहा, 'जैसाकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने बताया है, भारत में विलफुल डिफॉल्टर्स संख्या 9 हजार 63 है. ये दर्शाता है कि इस वित्तीय वर्ष के पहले 9 महीनों में इसमें मात्र 1.66 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है.'

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उन्होंने बताया कि फ्राड में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का तकरीबन 11 हजार करोड़ रुपया फंसा है. इसमें माल्या और नीरव मोदी का आंकड़ा केवल 25000 करोड़ रुपया है. बाकी का पैसा कहां है?

शुक्ला ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ओर से 31 दिसंबर 2017 को दी गई रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों ने 2108 एफआईआर विलफुल डिफॉल्टरों के खिलाफ दायर की हैं. साथ ही 8462 मामलों में बैंकों ने कुर्की का मामला दायर किया है, ताकि फंसे हुए पैसे की रिकवरी की जा सके.

हीरा कारोबारी नीरव मोदी, मेहुल चोकसी के पंजाब नेशनल बैंक सहित 31 बैंकों से फर्जीवाड़े के जरिए पैसा लेकर भागने के बाद सियासी गलियारों में हलचल मची है. विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार पर हमलावर हैं और सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रही हैं.

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संसद में इस मुद्दे पर पिछले कुछ दिनों से लगातार गतिरोध बना हुआ है. सदन चलाने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में खींचतान बनी हुई है. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शुक्रवार को कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद सोनिया गांधी ने कहा कि लोकसभा में विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है.

हालांकि लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के आरोपों को खारिज किया है.

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