
इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स मूड ऑफ द नेशन (MOTN) सर्वे में नरेंद्र मोदी को एक बार फिर भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया है. सर्वे के दौरान 44 प्रतिशत लोगों ने कहा कि नरेंद्र मोदी भारत के अब तक के सबसे बेस्ट प्रधानमंत्री रहे हैं.
इस सर्वे में 14 फीसदी मतों के साथ अटल बिहारी वाजपेयी दूसरे और इंदिरा गांधी 12 प्रतिशत मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं. इसके अलावा जवाहरलाल नेहरू और मनमोहन सिंह को 7-7 फीसदी और लाल बहादुर शास्त्री को 5 फीसदी लोगों का समर्थन मिला.
पिछले मूड ऑफ द नेशन सर्वे में पहली स्थान की लड़ाई मुख्य रूप से प्रधानमंत्री मोदी और इंदिरा गांधी के बीच थी. हालांकि, इस बार अटल बिहारी वाजपेयी दूसरे स्थान पर रहे. नरेंद्र मोदी को अब तक 10 में से 7 राउंड में सर्वश्रेष्ठ पीएम माना गया है.
जनवरी 2020 के MOTN सर्वे में नरेंद्र मोदी 34 प्रतिशत वोटों के साथ देश के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री के रूप में उभरे थे. वहीं, इंदिरा गांधी को 16 फीसदी, अटल बिहारी वाजपेयी को 13 प्रतिशत, जवाहरलाल नेहरू को 8 प्रतिशत और फिर राजीव गांधी को 5 प्रतिशत वोट मिले थे.
194 विधानसभा क्षेत्रों में किया गया सर्वे
आजतक के लिए ये सर्वे कर्वी इनसाइट्स लिमिटेड ने किया, जिसमें 12 हजार 21 लोगों से बात की गई. इनमें से 67 फीसदी ग्रामीण जबकि शेष 33 फीसदी शहरी थे. 19 राज्यों की कुल 97 लोकसभा और 194 विधानसभा सीटों के लोग सर्वे में शामिल किए गए.
जिन 19 राज्यों में ये सर्वे किया गया उनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. ये सर्वे 15 जुलाई से 27 जुलाई के बीच किया गया. सर्वे में 52 फीसदी पुरुष, 48 फीसदी महिलाएं शामिल थीं.
86 फीसदी हिंदुओं की राय जानी गई
अगर धर्म के नजरिए से देखा जाए तो 86 फीसदी हिंदू, 9 फीसदी मुस्लिम और 5 फीसदी अन्य धर्मों के लोगों से उनकी राय जानी गई. जिन लोगों पर सर्वे किया गया उनमें 30 फीसदी सवर्ण, 25 फीसदी एससी-एसटी और 44 फीसदी अन्य पिछड़े वर्ग के लोग शामिल थे.
सर्वे में शामिल 57 फीसदी लोग 10 हजार रुपये महीने से कम की आमदनी वाले थे जबकि 28 फीसदी 10 से 20 हजार रुपये और 15 फीसदी 20 हजार रुपये महीने से ज्यादा कमाने वाले लोग थे. सर्वे के सैंपल में किसान, नौकरीपेशा, बेरोजगार, व्यापारी, छात्र आदि को शामिल किया गया था.