
मध्य प्रदेश में पिछले दिनों आपत्तिजनक बयान देने के बाद आलोचना झेल रहे राज्य के आदिम-जाति कल्याण मंत्री विजय शाह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसे राज्यपाल ने स्वीकर कर लिया है.
शिवराज सिंह चौहान के करीब सूत्रों ने बताया कि विजय शाह ने बुधवार तड़के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपना इस्तीफा सौंपा, जिसे उन्होंने राज्यपाल राम नरेश यादव को भेज दिया. राज्यपाल ने इसे स्वीकार कर लिया. प्रदेश के आदिवासी बहुल झाबुआ जिला मुख्यालय में तीन दिन पहले स्कूली ग्रीष्मकालीन शिविर में छात्राओं को संबोधित करते हुए मंत्री विजय शाह ने महिलाओं विशेषकर मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह को लेकर कथित अभद्र द्विअर्थी टिप्पणी की थी.
मुख्यमंत्री निवास के सूत्रों ने बताया कि मंत्री शाह ने प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सांसद नरेंद्र सिंह तोमर व संगठन महामंत्री अरविन्द मेनन के साथ मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर चौहान को अपना इस्तीफा सौंप दिया.
पार्टी सूत्रों के अनुसार मंत्री शाह बीती रात लगभग 12 बजे अध्यक्ष तोमर के निवास पर पहुंचे और वहां उन्होंने तोमर व संगठन महामंत्री मेनन को अपने बयान को लेकर सफाई दी. उन्होंने बताया कि तीनों के बीच लगभग दो घंटे चली मंत्रणा के बाद तोमर एवं मेनन के साथ मंत्री शाह रात दो बजे के आसपास मुख्यमंत्री निवास पहुंचे और चौहान के सामने भी अपने बयान को लेकर सफाई पेश की, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनके बयान के लिए उनसे तत्काल इस्तीफा मांग लिया.
विजय शाह ने भी आनन-फानन में मुख्यमंत्री निवास में ही अपना इस्तीफा लिखकर मुख्यमंत्री चौहान को सौंप दिया. शाह के विवादित बयान को लेकर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में दो दिन से काफी उबाल आया हुआ था. प्रदेश महिला कांग्रेस ने इसे लेकर मंगलवार को कई स्थानों पर शाह का पुतला दहन कर उनका इस्तीफा मांगा था.
क्या है पूरा मामला...
मध्य प्रदेश के आदिम जाति और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री विजय शाह ने झाबुआ के कार्यक्रम में सैकड़ों छात्राओं और टीचरों के सामने 'डबल मीनिंग' भाषण दिया था.
विजय शाह ने 13 अप्रैल को झाबुआ में एक ग्रीष्मकालीन शिविर के दौरान कहा था, ‘पहला-पहला जो मामला होता है, वह आदमी भूलता नहीं. भूलता है क्या? बच्चे समझ गए होंगे.’
इस बात के फौरन बाद मंत्री ने शरारती लहजे में कहा कि ‘पहले-पहले मामले’ से उनका मतलब पहली बार मंत्री पद पर पहुंचने से था.
बाद में अपने विवादास्पद भाषण के बाद विजय शाह ने कहा, ‘अगर मेरे भाषण से किसी को थोड़ा सा भी दुख हुआ हो, तो मैं इसके लिए 10 बार माफी मांगता हूं.’ उन्होंने कहा, ‘मैं इस बात से दुखी हूं कि हास-परिहास के मूड में दिये गये मेरे भाषण को गलत तरह से लिया गया.’
विजय शाह ने दावा किया कि उनके भाषण को मीडिया के एक हिस्से में ‘तोड़-मरोड़कर’ पेश किया गया. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने अपने भाषण के दौरान असल में क्या कहा था, तो उन्होंने कहा, ‘मैं अब इस चक्कर में नहीं पड़ना चाहता. मैं बात को आगे नहीं बढ़ाना चाहता.’
बहरहाल, मंत्री के इस्तीफे के बाद यह मामला अब शांत पड़ जाने की उम्मीद की जा रही है.