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चुनाव आयुक्त को मिला करारा जवाब, नकवी बोले- जीतने के लिए लड़ते हैं चुनाव

चुनाव आयुक्त ओपी रावत के चुनावों को लेकर दिए गए बयान पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि भारत के अंदर चुनाव साफ-सुथरे और निष्पक्ष होते हैं. राजनीतिक पार्टियां चुनाव लड़ती हैं, वह चुनाव जीतने के लिए ही लड़ती हैं.

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी
अशोक सिंघल/मौसमी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 18 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 3:31 PM IST

लोकतंत्र में निष्पक्ष चुनाव और भारत में राजनीतिक दलों की जीत की होड़ को लेकर चुनाव आयुक्त ओपी रावत के बयान पर 'आज तक' ने केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से उनकी राय जानने की कोशिश की. 'आज तक' से हुई खास बातचीत के दौरान नकवी ने चुनाव आयुक्त की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि भारत के अंदर चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र होते हैं.

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चुनाव आयुक्त ओपी रावत के चुनावों को लेकर दिए गए बयान पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि भारत के अंदर चुनाव साफ-सुथरे और निष्पक्ष होते हैं. राजनीतिक पार्टियां चुनाव लड़ती हैं, वह चुनाव जीतने के लिए ही लड़ती हैं. दूसरी चीज यह है कि चुनाव में नीति होनी चाहिए, नियत होनी चाहिए. सुशासन की बात होनी चाहिए. आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति उसके विकास की बात होनी चाहिए. BJP जब चुनाव के मैदान में होती है. उसका सबसे बड़ा मुद्दा होता है विकास का. हम सबका साथ, सबका विकास की बात करते हैं. हम बात करते हैं अंत्योदय की, हम आखिरी आदमी के विकास की बात करते हैं.

एक साथ हों राज्यों के विधानसभा और लोकसभा चुनाव

नकवी का कहना है कि सबसे आदर्श स्थिति यह है कि लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव साथ ही साथ होने चाहिए. उससे खर्चा भी कटेगा. समय भी बचेगा. हर महीने या हर साल जो चुनाव होते रहते हैं उससे बचा जाएगा. चुनाव होने से बार-बार विकास की गति पर रोक लगती है वह रोक नहीं लगेगी विकास अच्छे से होगा और साथ ही साथ आदर्श स्थिति होगी.

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चुनाव प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष

चुनाव आयुक्त की बातों पर टिप्पणी करते हुए नकवी ने कहा कि चुनाव आयोग सुझाव देते रहते हैं. राजनीतिक पार्टी भी अपने सुझाव देते रहते हैं. हमारे देश में चुनाव की व्यवस्था है, आदर्श चुनाव की व्यवस्था है. हमारे देश की चुनाव प्रक्रिया स्वतंत्र और साफ-सुथरी भी है. मुझे नहीं लगता कि इसमें अविश्वास करने का कोई कारण है. आम लोगों का विश्वास भी है इस व्यवस्था के प्रति. हमारे चुनाव की जो चुनावी प्रक्रिया व्यवस्था है वह दूसरे देशों से बेहतर है. दूसरे देश हमारी चुनावी प्रक्रिया का अध्ययन भी करते हैं और लिखते भी हैं.

गौरतलब है कि चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने एक बयान में कहा है कि आजकल राजनीतिक पार्टियों का उद्देश्य हर हाल में चुनाव जीतना बन गया है. यह चलन हो गया है कि किसी ना किसी ढंग से चुनाव जीता जाए. लेकिन लोकतंत्र तभी अच्छा लगता है जब चुनाव निष्पक्ष और सही तरीके से हो.

चुनाव आयोग का इशारा बीजेपी को समझना चाहिए: कांग्रेस

चुनाव आयुक्त द्वारा निष्पक्ष चुनाव की टिप्पणी पर कांग्रेस नेता अजय माकन का कहना है कि बीजेपी को चुनाव आयोग का इशारा समझना चाहिए. चुनाव आयोग ने जो कहा वह बेहद गंभीर है. मुख्य चुनाव आयोग ने यह बात कही है तो कहीं ना कहीं इस पर सोचना पड़ेगा. इस तरह से धन बल का उपयोग करना कहां तक सही है?

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उन्होंने आगे कहा कि अभी अडानी के बारे में हम लोग ने आपको बताया कि लगातार किस तरह से भ्रष्टाचार हो रहा है. सरकार चुप है. मुख्य चुनाव आयुक्त अब यह बात कह रहे हैं. धन बल के जरिए व्यवस्था को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है. यह इशारा गुजरात की ओर है जहां 15 करोड़ प्रलोभन दिया जा रहा था. गुजरात, गोवा और मणिपुर में आपने देखा कि किस तरह से धन बल का इस्तेमाल किया गया है.

वहीं कांग्रेस महासचिव ऑस्कर फर्नांडिस ने कहा कि जरूरत है कि देश में एक अलग व्यवस्था बनाई जाए ताकि इस तरह की घटनाएं आगे ना हों. इस पर राजनीति करने के बजाए हम को संसद में बैठकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश में इस तरह का धन बल का प्रयोग ना हो. कानून देश के लिए है. हमें इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए.

 

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