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BJP नेता मुकुल रॉय ने अपनी पहली रैली में ममता के भतीजे किया प्रहार

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी रहे मुकुल रॉय ने बीजेपी ज्वाइन करने के बाद पहली रैली की, जिसमें उन्होंने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर सीधा निशाना साधा.

ममता बनर्जी  और मुकुल रॉय ममता बनर्जी और मुकुल रॉय
राम कृष्ण/इंद्रजीत कुंडू
  • कोलकाता,
  • 10 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 3:51 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी रहे मुकुल रॉय ने बीजेपी ज्वाइन करने के बाद पहली रैली की, जिसमें उन्होंने ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर सीधा निशाना साधा. मुकुल रॉय ने कहा कि हाल ही में हमने फुटबॉल वर्ल्ड कप का समापन देखा. सभी जगह ममता बनर्जी की तस्वीर और विश्व बंगला के लोगो वाले हॉर्डिंग लगाए गए.

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मुकुल रॉय ने कहा कि आखिर विश्व बंगला है क्या?....यह सरकारी संपत्ति नहीं है. यह निजी संपत्ति है, जिसके मालिक कोई और नहीं, बल्कि अभिषेक बनर्जी ही हैं. इस दौरान मुकुल रॉय ने यह भी कहा कि आखिर तृणमूल कांग्रेस की इन प्रचार सामग्री का कॉन्ट्रैक्ट किसको मिला? उन्होंने कहा कि इसका कॉन्ट्रैक्ट भी अभिषेक बनर्जी को ही दिया गया.

इसके अलावा मुकुल रॉय ने कहा कि टीएमसी के मंत्री पार्थ चटर्जी की ओर से दुर्गा पूजा आयोजित करने के पैसा किसने दिया? उन्होंने कहा कि ये सब चिट फंड कंपनियों का पैसा है और ये सभी ऐसी पूजा आयोजित करने वालों के कॉरपोरेट पार्टनर्स हैं.

मालूम हो कि मुकुल रॉय के बीजेपी में शामिल होने के बाद सवाल उठ रहे थे कि आखिर ममता बनर्जी और मुकुल रॉय की राहें जुदा क्यों हो गईं? माना जा रहा है कि ममता और मुकुल रॉय के बीच रिश्ते शारदा चिटफंड मामले के बाद बिगड़े. शारदा चिटफंड के कारण टीएमसी के कई नेता फंसे. सांसद और मंत्री को जेल तक जाना पड़ा. इस दौरान कई नेताओं से पूछताछ हुई.

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30 जनवरी 2015 को CBI ने शारदा घोटाले में मुकुल रॉय पर लगे आरोपों के संबंध में पूछताछ के लिए दफ्तर बुलाया था. माना जाता है कि इसी दौरान उस वक्त गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने पार्टी और ममता के सांसद भतीजे अभिषेक बनर्जी के कई राज खोल दिए थे. इसके बाद से ही ममता बनर्जी ने उन्हें पार्टी में दरकिनार करना शुरू कर दिया था.

कई राजनीतिक जानकार, मुकुल रॉय को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की तरह सांगठनिक कार्य में महारत रखने वाला नेता मानते हैं. पार्टी को एकजुट करना और जनसमर्थन को वोट में बदलना मुकुल रॉय की ताकत रही है.

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