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राहुल के हमले का भागवत ने दिया इशारों में जवाब, बोले- धर्म का मतलब है बंधुभाव

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एक ओर आरएसएस की लगातार आलोचना कर रहे हैं, तो वहीं प्रणब मुखर्जी के बाद अब रतन टाटा संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ एक मंच पर दिखे.

RSS प्रमुख मोहन भागवत RSS प्रमुख मोहन भागवत
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 10:55 PM IST

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लंदन में आरएसएस को मुस्लिम ब्रदरहुड जैसा करार देकर देश की राजनीति को गरमा दिया है. राहुल गांधी के भाषण के कुछ ही घंटे बाद मुंबई में एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख भागवत के साथ टाटा एंड संस के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा ने मंच साझा किया और कहा कि धर्म का मतलब भाईचारा होता है.

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मुंबई में आयोजित नाना पालकर जन्मशताब्दी वर्ष और नाना पालकर स्मृति समिति सुवर्ण महोत्सवी वर्ष सांगता समारोह में रतन टाटा विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे. जबकि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन राव भागवत उपस्थित थे. नाना पालकर स्मृति समिति आरएसएस से संबंधित गैर सरकारी संगठन है और यह बीमारों की सेवा करती है.

इससे पहले आरएसएस प्रमुख की रतन टाटा से मुलाकात संघ मुख्यालय में दिसंबर, 2016 में हुई थी. जबकि इस साल जून में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नागपुर स्थित आरएसएस के मुख्यालय में संघ के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे.

भागवत ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, 'कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों की तरह मुझे भी उत्साह था कि आज मंच से रतन टाटा जी कुछ बोलेंगे, मैंने उनसे पूछा कि आज आप बोलेंगे तो उन्होंने कहा कि उन्हें बोलने में दिक्कत होती है.'

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संघ प्रमुख ने आगे कहा, 'कुछ लोग होते हैं जो बोलने में सहज महसूस नहीं करते, लेकिन उनका काम बोलता है. जबकि कुछ लोगों को बोलने के लिए रखा जाता है और उनको बोलना होता है जैसा कि मुझे.'

उन्होंने अपने संबोधन में स्वर्गीय नाना पालकर के कार्यों का संस्मरण किया और कहा कि उपस्थित लोगों को उनके कार्यों से प्रेरणा लेते हुए काम करना चाहिए.

राहुल गांधी का नाम लिए बगैर भागवत ने कहा कि धर्म का अर्थ हर किसी को जोड़ने का होता है न कि बांटने का, यह समाज को उठाने का काम करता है. धर्म का मतलब ही है भाईचारा.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज लंदन स्थित थिंक टैंक इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज में लोगों को संबोधित करते हुए कहा था, 'आरएसएस की सोच अरब देशों के मुस्लिम संगठन ब्रदरहुड जैसी है. आरएसएस भारत की प्रकृति को बदलने की कोशिश कर रहा है. अन्य पार्टियों ने भारत की संस्थाओं पर कब्जा करने के लिए कभी हमला नहीं किया, लेकिन आरएसएस कर रहा है.' बीजेपी की ओर से इस भाषण पर जोरदार जवाब दिया जा चुका है.

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