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मुस्लिम महिलाओं ने बिना पुरुषों के हज पर जाने के लिए भरा फॉर्म

मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि मोदी सरकार ने ये कदम इसलिए उठाया क्योंकि कई महिलाएं चाह कर भी इस पाबंदी की वजह से हज पर नहीं जा पाती थीं. उन्होंने कहा कि पहले इस बात को लेकर कुछ विरोध हुआ क्योंकि इसको लेकर लोगों में कुछ गलतफहमियां थीं.

केरल में महिलाओं ने भरा फार्म केरल में महिलाओं ने भरा फार्म
बालकृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:09 PM IST

भारत सरकार ने जब से ये शर्त हटाई है कि हज के लिए जो महिलाएं जाएंगी उनके साथ पुरुषों का होना भी जरूरी है, तब से अकेले हज पर जाने की इच्छा जताने वाली महिलाओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. सबसे पहले केरल की चार महिलाओं ने सरकार को ये अर्जी दी थी कि वो बिना किसी पुरुष को साथ लिए हज पर जाना चाहती हैं. लेकिन अब कई जगहों से महिलाओं की तरफ से सरकार के पास ऐसे आवेदन आ रहे हैं.

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अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज तक से खास बातचीत में बताया कि केरल की चार महिलाओं के अलावा अब उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से भी ऐसी खबरें आ रही हैं कि महिलाएं अकेली हज के लिए जाने की इच्छुक हैं. केरल की चार महिलाओं के बारे में मुख्तार अब्बास नकवी ने ट्वीट करके जानकारी दी कि ये चारों महिलाओं हज के लिए अकेले जाने की इच्छुक हैं.

देश में ऐसा पहली बार होगा जब महिलाएं बिना पुरुष को साथ लिए हज पर जाएंगी. गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने हज यात्रा के नियमों में बदलाव करते हुए महिलाओं के अकेले हज पर जाने से पाबंदी हटा दी थी. बिना पुरुष के साथ के हज पर जाने के लिए बस दो शर्तें हैं. पहली ये कि कम से कम चार महिलाओं को एक ग्रुप में जाना होगा और दूसरा ये कि ग्रुप में सभी महिलाओं की उम्र 45 साल से अधिक होनी चाहिए.

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मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि मोदी सरकार ने ये कदम इसलिए उठाया क्योंकि कई महिलाएं चाह कर भी इस पाबंदी की वजह से हज पर नहीं जा पाती थीं. उन्होंने कहा कि पहले इस बात को लेकर कुछ विरोध हुआ क्योंकि इसको लेकर लोगों में कुछ गलतफहमियां थीं. लेकिन सउदी अरब समेत कई देशों में महिलाओं को पुरुषों के बिना हज पर जाने की इजाजत है.

सरकार ने हज यात्रा को लोगों के लिए आसान बनाने के लिए कुछ और बदलाव भी किए हैं. जैसे अब इस बात की भी पाबंदी नहीं होगी कि जो जिस जगह से हज यात्रा के लिए आवेदन करेगा उसे उसी जगह से यात्रा शुरू करनी होगी. पहले इस पाबंदी की वजह से छोटे जगहों से लोगों को हज पर जाने में ज्यादा खर्च उठाना पड़ता था.

नकवी ने बताया कि जैसे कोई अगर श्रीनगर से हज यात्रा पर जाता है, तो उसे फिलहाल लगभग एक लाख 20 हजार रुपये खर्च करने होते हैं. लेकिन वही व्यक्ति अगर अपने खर्च से दिल्ली आ जाए और यहां से हज पर जाए तो उसका खर्च कर करीब 70 हजार ही होगा.

मुख्तार अब्बास नकवी ने ये भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सरकार हज सब्सिडी खत्म करने की ओर बढ़ रही है. हज सब्सिडी में खर्च होने वाले पैसे को मुस्लिम महिलाओं की तालीम में खर्च किया जाएगा.

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