Advertisement

चंद्रबाबू नायडू बोले- जगन मोहन रेड्डी साइको की तरह कर रहे काम

नायडू ने कहा कि वाईएसआरसीपी सरकार जनविरोधी नीतियों को लागू कर रही है. विपक्षी दलों के नेताओं पर लगातार मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं.

पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की फाइल फोटो (IANS) पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की फाइल फोटो (IANS)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 9:12 AM IST

  • नायडू ने कहा, मैं उनके लिए अच्छा हूं जो मेरे लिए अच्छे हैं
  • जगन सरकार पूर्व CM नायडू के खिलाफ कर रही है कार्रवाई

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने एक बार फिर वाईएसआर कांग्रेस (वाईएसआरसीपी) और मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर हमला बोला है. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि वाईएसआरसीपी सरकार जनविरोधी नीतियों को लागू कर रही है. विपक्षी दलों के नेताओं पर लगातार मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं. नायडू ने कहा कि 'मैं उनके लिए अच्छा हूं जो मेरे लिए अच्छे हैं. जगन मोहन रेड्डी एक साइको की तरह काम कर रहे हैं.'

Advertisement

निशाने पर नायडू का निवास

बता दें, आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती में नागरिक प्रशासन की ओर से अभी हाल में कृष्णा नदी के तट पर बने अनाधिकृत निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है. यह एक स्पष्ट संकेत भी है कि इसका अगला निशाना पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू का निवास हो सकता है. आंध्र प्रदेश कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एपीसीआरडीए) के अधिकारियों ने वंदावल्ली गांव में नायडू के आवास के पास एक टीडीपी नेता के अनाधिकृत निर्माण को ढहा दिया है.

टीडीपी नेता के खिलाफ कार्रवाई

कड़ी सुरक्षा के बीच पहुंचे कर्मचारियों ने सीमेंट रैंप को ध्वस्त कर दिया. एपीसीआरडीए के अधिकारियों ने कहा कि टीडीपी नेता पी. कोटेश्वर राव ने नियमों का उल्लंघन करते हुए नदी के किनारे इमारत का निर्माण किया था. एपीसीआरडीए का कहना है कि यह निर्माण आंध्र क्षेत्र के नदी संरक्षण अधिनियम-1884 के तहत बिना किसी पूर्व अनुमति के किए गए हैं.

Advertisement

पूर्व मुख्यमंत्री नायडू के आवास से संबंधित नोटिस जारी किए जाने के दो दिन बाद यह कार्रवाई हुई. इस संबंध में 19 सितंबर को एक आदेश जारी किया गया और 21 सितंबर को अनाधिकृत निर्माणों पर चिपकाया गया. लिंगमनेनी रमेश को सात दिनों के अंदर अनाधिकृत निर्माण को हटाने के लिए कहा, मगर उन्होंने इसे नहीं हटाया, जिसके बाद एपीसीआरडीए ने इसे ढहा दिया.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement