
केंद्रीय जांच एजेंसी में उठापटक का दौर जारी है. सेलेक्ट कमेटी द्धारा आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटाए जाने के बाद नागेश्वर राव ने एक बार फिर देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी की कमान संभाल ली है. सीबीआई की कमान संभालते ही नागेश्वर राव ने आलोक वर्मा के फैसलों को पलट दिया है. राव ने 10 और 11 जनवरी को आलोक वर्मा के सीबीआई अधिकारियों का ट्रांसफर रद्द करने के फैसले को पलट दिया है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद पर बहाल किया था, लेकिन सेलेक्शन कमेटी ने 24 घंटे के भीतर ही उनको पद से हटा दिया.
इस कमेटी में पीएम मोदी, कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और जस्टिस एके सीकरी शामिल थे. आलोक वर्मा के खिलाफ 2-1 से फैसला लिया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी सीवीसी की सिफारिश के अनुसार आलोक वर्मा को हटाने के हक में थे. जबकि मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका विरोध किया.
बता दें कि इससे पहले जब सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच टकराव सामने आने के बाद भी 24 अक्टूबर को राव को अंतरिम सीबीआई निदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. राव ओडिशा कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.
नागेश्वर राव को इससे पहले 5 साल के लिए CBI का ज्वाइंट डायरेक्टर बनाया गया था. राव की छवि सख्त अफसर की रही है. उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार, स्पेशल ड्यूटी मेडल, ओडिशा राज्यपाल मेडल समेत कई अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है.