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नंदन कानन चिड़ियाघर में वायरस अटैक, 4 हाथियों की मौत से सनसनी

ओडिशा के नंदन कानन में वायरस के हमले में 4 हाथियों की मौत हो गई है. वायरस ज्यादातर हाथियों के 15 साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है. ओडिशा के वन एवं पर्यावरण मंत्री बी कारूखा ने बताया कि राज्य सरकार ने असम और केरल के विशेषज्ञों से संपर्क किया है. वहां भी इसी तरह के वायरस ने हाथियों की जान ली थी.

हाथी की मौत (प्रतीकात्मक तस्वीर) हाथी की मौत (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 2:41 PM IST

  • हाथियों के इलाज के लिए असम और केरल सरकार से मांगी मदद
  • हाथियों को वायरस की चपेट में आने से बचाने की कोशिश जारी

ओडिशा के नंदन कानन चिड़ियाघर में वायरस की वजह से 4 हाथियों की मौत हो गई है. रिपोर्ट के मुताबिक एक महीने में इन हाथियों की मौत हुई है. अब तक की जांच में हाथियों की मौत के लिए लिए जिम्मेदार वायरस की पहचान इंडोथेलियोट्रोफिक हर्प्स वायरस (EEHV) के रूप में हुई है. इस घटना के बाद ओडिशा सरकार ने हाथियों के इलाज के लिए असम और केरल सरकार से मदद मांगी है.

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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक ईईएचवी वायरस ज्यादातर हाथियों के 15 साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है. ओडिशा के वन एवं पर्यावरण मंत्री बी कारूखा ने बताया कि राज्य सरकार ने असम और केरल के विशेषज्ञों से संपर्क किया है. वहां भी इसी तरह के वायरस ने हाथियों की जान ली थी.

बताया जा रहा है कि इस तरह के वायरस को फैलने को रोकने के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है, इसलिए राज्य सरकार ने विशेषज्ञों से मदद मांगी है. मंत्री ने बताया कि इस वायरस की वजह से चार हाथियों की मौत हुई है. बाकी हाथियों को वायरस की चपेट में आने से बचाने की कोशिश की जा रही है.

बता दें कि हालिया मौत शनिवार रात को हुई है. मंत्री ने कहा कि ज्यादातर हाथी राज्य के अलग-अलग जंगली इलाकों से लाए गए हैं. उनके खून की जांच की जाएगी जिससे इस वायरस को फैलने से रोका जा सके. नंदनकानन चिड़ियाघर के उप निदेशक जयंत दास ने कहा कि चिड़ियाघर में हाथियों की जान बचाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.

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