
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को अमरकंटक पहुंचे. यहां उन्होंने नर्मदा नदी के संरक्षण के लिए उठाये जाने वाले कदमों की रुपरेखा जारी की और 'नमामी देवी नर्मदे सेवा यात्रा' का समापन किया. अमरकंटक का अपना ही एक राजनीतिक इतिहास रहा है. कहते हैं यहां जो भी नेता आता है, वह अपना पद गंवा देता है.
आइये पढ़ते हैं कि क्या कहता है इतिहास -
1. 1982 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जब अमरकंटक के दौरे पर आईं, तो उसके दो साल बाद ही 1984 में उनकी हत्या हो गई.
2. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय सुंदरलाल पटवा बाबरी मस्जिद ध्वंस के मामले से पहले यहां आये थे, और उस यात्रा के बाद उनकी कुर्सी चली गई थी.
3. म.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह अपने कार्यकाल के दौरान यहां आये थे, और बाद में उन्हें कांग्रेस ही छोड़नी पड़ी
4. मौजूदा समय में केंद्र सरकार में मंत्री उमा भारती जब एमपी की सीएम थी, तब 2004 में वह यहां आईं थी, और उसके बाद ही उन्हें कुर्सी से हटना पड़ा था.
5. पूर्व उप राष्ट्रपति भैरोसिंह शेखावत राष्ट्रपति चुनाव से पहले अमरकंटक हेलिकॉप्टर से आए, लेकिन उसके बाद उन्हें सत्ता गंवानी पड़ी.
हेलिकॉप्टर है समानता
इन सभी उदाहरणों में एक समानता है, ये सभी नेता हेलिकॉप्टर के जरिये अमरकंटक गये थे. यह उदाहरण सामने आने के बाद नेताओं ने हेलिकॉप्टर से यात्रा करने से परहेज़ किया, उमा भारती भी जब भी अमरकंटक गई तो सड़क मार्ग से ही गई.
उत्तर प्रदेश में नोएडा से ऐसा डर
उत्तर प्रदेश में भी अमरकंटक की तरह ही ऐसा ही डर रहता है. कहा जाता है कि जो भी मुख्यमंत्री नोएडा आता है, उसे उत्तरप्रदेश की सत्ता गंवानी पड़ती है. यही कारण है कि पिछली सरकार के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने कार्यकाल के दौरान कभी नोएडा नहीं आये.