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मोदी 10 फरवरी से 3 देशों के दौरों पर, यूएई में ‘वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट’ में लेंगे हिस्सा

प्रधानमंत्री मोदी 10 फरवरी को फिलिस्तीन के ऐतिहासिक दौरे पर पहुंचेंगे तो सभी की नजरें उन पर रहेंगी. ये इजरायल और फिलिस्तीन को लेकर भारत के तटस्थता के रुख को और मजबूत करेगा, जिससे ये संदेश ना जाए कि भारत का दोनों में से किसी एक की तरफ झुकाव है.

पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) पीएम नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
गीता मोहन/खुशदीप सहगल
  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 7:52 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 से 12 फरवरी तक फिलिस्तीन, संयुक्त अरब अमीरात और ओमान के दौरे पर रहेंगे. तीन देशों के इस दौरे का आगाज मोदी 10 फरवरी को फिलिस्तीन पहुंचने के साथ करेंगे. मोदी 10 और 11 फरवरी को ‘वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट’ में शिरकत के लिए दुबई (संयुक्त अरब अमीरात) में रहेंगे. प्रधानमंत्री के तीन दिवसीय दौरे का समापन 12 फरवरी को ओमान यात्रा के साथ करेंगे.   

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सूत्रों की ओर से इंडिया टुडे को मिली जानकारी के मुताबिक संयुक्त अरब अमीरात ने प्रधानमंत्री को वर्ल्ड ‘गवर्नमेंट समिट’ में अहम वक्ता के तौर पर हिस्सा लेने के लिए न्योता दिया था जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया.

भारत वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में पार्टनर देश है. इस समिट का उद्देश्य दुनिया भर में अगली पीढ़ी की सरकारों के भविष्य को मूर्त रूप देने के लिए समर्पित वैश्विक मंच उपलब्ध कराना है. समिट में ऐसे मुद्दों पर फोकस रहेगा कि किस तरह इनोवेशन और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देकर मानवता के सामने पेश आ रही चुनौतियों से किस तरह से निपटा जा सके.

प्रधानमंत्री मोदी 10 फरवरी को फिलिस्तीन के ऐतिहासिक दौरे पर पहुंचेंगे तो सभी की नजरें उन पर रहेंगी. ये इजरायल और फिलिस्तीन को लेकर भारत की तटस्थता के रुख को और मजबूत करेगा, जिससे ये संदेश ना जाए कि भारत का दोनों में से किसी एक की तरफ झुकाव है. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी इजरायल की जगह जॉर्डन रूट से फिलिस्तीन पहुंचेंगे.

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जहां तक संयुक्त अरब अमीरात के दौरे का सवाल है तो प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का ये दूसरा दौरा होगा. इससे पहले 2015 में मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया था. समझा जाता है कि 10 फरवरी से शुरू होने वाले संयुक्त अरब अमीरात के दौरे में दोनों देशों के बीच 6 से 8 समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे.  

11 फरवरी को प्रधानमंत्री के भाषण के साथ वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट की शुरुआत होगी. समिट में एक सत्र पूरी तरह भारत को समर्पित रहेगा. इसमें कारोबारी, अर्थशास्त्री, राजनेता, मीडिया, संस्कृति और कला क्षेत्रों से जुड़े वक्ता अपनी बात रखेंगे. समिट में 2000 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे. इस मौके पर 24 देशों के शासन प्रमुख, प्रधानमंत्री और मंत्री मौजूद रहेंगे.  

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