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नेशनल हेराल्ड केस की IT रिपोर्टः कहां गए 90 करोड़? जांच में सहयोग नहीं कर रहा गांधी परिवार

दस्तावेजों के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग ने इस मामले में कांग्रेस पार्टी, एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड और यंग इंडियंस पर सहयोग न करने का आरोप लगाया है. साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.

IT रिपोर्ट में राहुल गांधी पर जांच में सहयोग न करने का आरोप IT रिपोर्ट में राहुल गांधी पर जांच में सहयोग न करने का आरोप
नंदलाल शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2017,
  • अपडेटेड 10:07 PM IST

नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. इंडिया टुडे टीवी को मिले इनकम टैक्स दस्तावेजों के मुताबिक ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी की ओर से एसोसिएटेड जर्नल को दिया गया 90 करोड़ का लोन ना तो कांग्रेस के बहीखातों में दर्ज है और न ही जर्नल में. इनकम टैक्स दस्तावेजों के मुताबिक नेशनल हेराल्ड की मिस्ट्री यह है कि आखिर 90 करोड़ रुपये गए कहां?

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दस्तावेजों के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग ने इस मामले में कांग्रेस पार्टी, एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड और यंग इंडियंस पर सहयोग न करने का आरोप लगाया है. साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.

HC ने कहा- जारी रहेगी इनकम टैक्स की कार्यवाही
इससे पहले मामले में कांग्रेस पार्टी को उस समय झटका लगा जब दिल्ली हाईकोर्ट ने यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ इनकम टैक्स कार्यवाही पर रोक लगाने से मना कर दिया. साथ ही कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं को टैक्स अधिकारियों से संपर्क करने को कहा. इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य शामिल हैं.

जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस चंद्रशेखर की पीठ ने कहा, 'हम आपकी रिट याचिका पर विचार करने को तैयार नहीं हैं. बेहतर है कि आप इसे वापस ले लें और इनकम टैक्स आकलन अधिकारी से संपर्क करें. आदेश में स्पष्ट किया गया कि मामले में इनकम टैक्स कार्यवाही जारी रहेगी.'

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सिंघवी ने वापस ली याचिका
कोर्ट ने यह भी कहा कि कंपनी ने अपनी शिकायतों के साथ आकलन अधिकारी से संपर्क नहीं किया है और अपनी शिकायतें नहीं रखी हैं, इसलिए वह पहले इनकम टैक्स विभाग से संपर्क करे और अपने दस्तावेज सौंपे. पीठ ने कहा कि अगर वह तब भी संतुष्ट नहीं होती है तो कंपनी उसके बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है.

पीठ का मूड भांपते हुए फर्म की तरफ से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने याचिका वापस ले ली. कोर्ट ने इसे स्वीकार कर लिया और इसे वापस लिया हुआ मानकर खारिज कर दिया. यंग इंडियन (वाईआई) का गठन नवम्बर 2010 में 50 लाख रूपये की राशि के साथ हुआ था और इसने एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के लगभग सभी शेयर अधिग्रहित कर लिए जो नेशनल हेराल्ड अखबार का मालिक है.

क्या है सुब्रह्मण्यम स्वामी के आरोप
बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अपनी निजी फौजदारी शिकायत में गांधी और अन्य पर धोखाधड़ी करने और महज 50 लाख रुपये का भुगतान करके धन हथियाने का आरोप लगाया था, जिसके जरिए यंग इंडियन ने 90.25 करोड़ रुपये वसूल करने का अधिकार हासिल किया था. एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड पर यह राशि कांग्रेस पार्टी का बकाया था.

यंग इंडियन ने हाईकोर्ट से संपर्क करके इनकम टैक्स की कार्यवाही पर रोक लगाने और नेशनल हेराल्ड संपत्ति हथियाने के मामले में उसके खिलाफ जारी पुर्नआकलन नोटिसों को निरस्त करने का निर्देश देने की मांग की थी. कंपनी को आकलन वर्ष 2011-12 के लिए नोटिस जारी किया गया था.

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गांधी परिवार का आरोपों से इनकार
इनकम टैक्स विभाग के वकील ने याचिका का विरोध किया. उसने कहा कि फर्म ने आकलन अधिकारी से संपर्क नहीं किया है इसलिए याचिका विचार के लायक नहीं है. निचली कोर्ट ने गांधी परिवार और अन्य के अलावा यंग इंडियन को 26 जून 2014 को आरोपी के तौर पर समन किया था. गांधी परिवार और अन्य आरोपी मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दूबे और सैम पित्रोदा ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इंकार किया था.

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