
'जो कभी पासा नहीं फेंकता, वो कभी छक्का मारने की उम्मीद नहीं कर सकता.' नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने इस जुमले के आधार पर पंजाब चुनाव से पहले बीजेपी छोड़कर आम आदमी पार्टी में जाने का जो बड़ा पासा फेंका है, वो उनकी राजनीतिक पारी में टर्निंग प्वॉइंट साबित हो सकता है.
चर्चा है कि आम आदमी पार्टी पंजाब चुनाव में सिद्धू को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर उतार सकती है. हालांकि फिलहाल AAP के नेता संजय सिंह ने इससे इनकार किया है. क्रिकेटर से टीवी एंकर और फिर नेता बनने वाले सिद्धू के बारे में जानें खास बातें...
1. पटियाला से शुरू की क्रिकेट की कोचिंग
पटियाला में पले– बढ़े सिद्धू ने यहीं से क्रिकेट की कोचिंग शुरू की थी. वे पटियाला के यदविंद्रा पब्लिक स्कूल और बारादरी गार्डन में घंटों क्रिकेट की प्रैक्टिस करते थे.
2. 20 साल की उम्र में खेला टेस्ट क्रिकेट
पटियाला के सिद्धू ने सिर्फ 20 साल की उम्र में भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. अपने तीसरे ही टेस्ट मैच में उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ शतक लगाया था. 16 साल तक इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने वाले सिद्धू टेस्ट क्रिकेट में डबल सेंचुरी भी लगा चुके हैं.
3. अमृतसर से जीता चुनाव
2004 में शेरी पा बीजेपी में शामिल हुए और इसी साल अमृतसर से चुनाव जीतकर उन्होंने दिखा दिया कि वे राजनीति में भी क्रिकेट की तरह लंबी पारी खेलेंगे.
4. दिग्गज नेता को शिकस्त दी
सिद्धू ने अमृतसर से कांग्रेस के आरएल भाटिया को 90 हजार वोटों के बड़े अंतर से हराया था. भाटिया वही नेता थे, जो ऑपरेशल ब्लू स्टार के बाद भी कांग्रेस के टिकट पर अमृतसर से जीतने में सफल रहे थे.
5. ठहाकों का सिलसिला जारी
2005 में सिद्धू कॉमेडी शो द ग्रेट इंडियन लॉफ्टर में जज के तौर पर नजर आए और इस शो ने छोटे पर्दे पर इतिहास रच दिया. सिद्धू ने छोटे पर्दे पर ठहाके लगाने का जो सिलसिला इस शो से शुरू किया, वो आज तक कपिल शर्मा के शो पर जारी है.
6. जेल में काटनी पड़ी थीं कई रातें
2006 सिद्धू के लिए बुरा दौर लेकर आया. हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट ने उन्हें 1988 के हत्या के मामले में सजा सुना दी. 1988 में उनका गुरुनाम सिंह नाम के एक शख्स से झगड़ा हुआ था. मारपीट के बाद इस शख्स की मौत हो गई थी. हाईकोर्ट ने उन्हें तीन साल जेल की सजा सुनाई थी. वो कई दिन जेल में रहे थे. बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी.
7. सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत
2007 में सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को राहत देते हुए हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी और उन्हें जमानत देकर चुनाव लड़ने की इजाजत भी दे दी. सिद्धू एक बार फिर अमृतसर से चुनाव जीतने में कामयाब रहे.
8. जब बीजेपी से नाराज हुए सिद्धू
पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जब सिद्धू की जगह अमृतसर से जेटली को उतारा, तो वे पार्टी से नाराज हो गए थे. उन्होंने जेटली के लिए प्रचार भी नहीं किया. बाद में बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा सांसद बनाकर यह मान लिया कि सिद्धू की नाराजगी पूरी तरह दूर हो गई है.
9. सद्भावना मिशन में दिया था मोदी का साथ
2012 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जब सद्भावना मिशन पर निकले थे, तो इस मिशन में भी सिद्धू ने उनका साथ निभाया था.
10. बीमारी को भी दी मात
पिछले साल सिद्धू के फैंस को तब बड़ा धक्का लगा था, जब वे नसों में खून का थक्का जमने (डीवीटी) के चलते दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती हुए थे. सिद्धू ने जिंदादिली दिखाई और इस बीमारी से उबरने में कामयाब रहे. पूरे देश के साथ पीएम मोदी ने भी उनके स्वस्थ होने की दुआएं की थीं.