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नवोदय स्कूलों में छात्रों की खुदकुशी मामलों की जांच के लिए सरकार ने बनाई कमेटी

इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नवोदय विद्यालय को आवासीय विद्यालय शिक्षा का एक बेहद सफल माध्यम करार देते हुए कहा कि 12वीं कक्षा में यहां के छात्रों के उत्तीर्ण होने का औसत 98 प्रतिशत रहा जबकि सीबीएसई में यह 82 प्रतिशत है.

प्रकाश जावड़ेकर (फाइल फोटो- PTI) प्रकाश जावड़ेकर (फाइल फोटो- PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 7:14 PM IST

राज्यसभा में मोदी सरकार ने गुरुवार को कहा कि पिछले दस साल में नवोदय विद्यालयों में 37 छात्रों की आत्महत्या के कारणों का पता लगाने के लिए एक समिति का गठन किया गया है. कांग्रेस की सांसद विप्लव ठाकुर ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि इतने सारे छात्रों ने आत्महत्या क्यों की, इसके कारणों का पता लगाने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गये हैं.

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इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने नवोदय विद्यालय को आवासीय विद्यालय शिक्षा का एक बेहद सफल माध्यम करार देते हुए कहा कि 12वीं कक्षा में यहां के छात्रों के उत्तीर्ण होने का औसत 98 प्रतिशत रहा जबकि सीबीएसई में यह 82 प्रतिशत है.

उच्च सदन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि आत्महत्या की ये घटनाएं दस साल में हुई हैं लेकिन हमारी कोशिश है कि एक भी नहीं होनी चाहिए. हमने इसके कारणों का पता लगाने के लिए एक समिति गठित की है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इन स्कूलों में बच्चों के लिये कांउसलर नियुक्त करने पर काम कर रही है.

बता दें कि नवोदय विद्यालय केंद्र के वह आवासीय विद्यालय हैं जहां मुख्यत: ग्रामीण अंचल के छात्रों की पढ़ाई के लिए शिक्षा की व्यवस्था की गई है. इन स्कूलों में दाखिले के लिए 5वीं पास बच्चे की जिला स्तर पर लिखित परीक्षा होती है और उसके बाद परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रों को दाखिल दिया जाता है. कक्षा 5 से 12वीं तक सीबीएसई माध्यम में पढ़ाई के लिए देश के विभिन्न जिलों में 500 से ज्यादा नवोदय विद्यालय चलाए जा रहे हैं.

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