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आखिर क्यों शरद पवार ने अपने कार्यकर्ताओं को RSS से सीखने की नसीहत दे डाली?

हाल ही में लोकसभा चुनाव 2019 खत्म हुए हैं. इस चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत हासिल हुआ. वहीं अब हार की समीक्षा करते हुए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने विरोधियों से सीखने की नसीहत दे डाली है.

शरद पवार शरद पवार
aajtak.in/पंकज खेळकर
  • नई दिल्ली,
  • 06 जून 2019,
  • अपडेटेड 8:02 PM IST

हाल ही में लोकसभा चुनाव 2019 खत्म हुए हैं. इस चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत हासिल हुआ. वहीं अब हार की समीक्षा करते हुए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने विरोधियों से सीखने की नसीहत दे डाली है.

शरद पवार ने पुणे के पिंपरी चिंचवड में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वे आरएसएस से दृढता, धैर्य और स्थिरता सीखें. पवार ने कहा कि अगर लोगों से संपर्क बनाना हो तो इसका गुण आरएसएस से सीखा जा सकता है. लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद शरद पवार पार्टी के बड़े नेताओं के साथ लगातार हार पर मंथन कर रहे हैं. इस दौरान वो पुणे में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने पहुंचे थे. इस मौके पर उन्होंने आरएसएस को मिसाल के तौर पर कार्यकर्ताओं के आगे पेश किया.

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पवार ने कहा, 'आरएसएस स्वयंसेवक तब तक किसी का पीछा नहीं छोड़ता, जब तक वो उस आदमी या परिवार से खुद बात न कर ले. इसके उलट एनसीपी कार्यकर्ता सिर्फ एक बार ही किसी परिवार का दरवाजा खटखटाता है. अगर घर पर कोई नहीं है तो दूसरी बार वहां जाने का कष्ट नहीं उठता. वहीं अब शरद पवार ने कार्यकर्ताओं को महाराष्ट्र में आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस लेने के लिए भी कहा.

वहीं लोकसभा चुनाव 2019 मे हार के बाद कांग्रेस और एनसीपी के विलय की चर्चाएं काफी हुई थी. लेकिन इन चर्चाओं पर तब विराम लग गया जब शरद पवार ने खुद इन अटकलों को खारिज कर दिया. इसको लेकर शरद पवार का कहना है कि एनसीपी की अपनी एक पहचान है और वह इसे बरकरार रखेगी. उनका कहना है कि कांग्रेस के साथ पार्टी के विलय की बात कुछ पत्रकारों ने उड़ाई है जो नहीं चाहते कि सहयोगी दलों के साथ हमारा साथ बना रहे. दरअसल, लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से पवार की मुलाकात के बाद एनसीपी के कांग्रेस में विलय की अटकलें शुरू हुई थीं.

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