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काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हुए विवाद को लेकर कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी की ओर से दी गई प्रतिक्रिया पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने आपत्ति दर्ज की है. महिला आयोग ने कुलपति के उस बयान पर आपत्ति दर्ज की है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर 'हम हर लड़की की बात सुनेंगे तो हम विश्वविद्यालय ने नहीं चला पाएंगे'.
दरअसल गिरीश त्रिपाठी ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और प्रिंट मीडिया में 26 सितंबर को इस तरह के बयान दिए थे. आयोग ने विश्वविद्यालय के प्रमुख की ओर से दिए गए इस बयान की निंदा की है. आयोग का कहना है कि महिलाओं के मुद्दों को लेकर दिए गए इस तरह के बयान से देश की छवि खराब होती है.
हालांकि विवाद के बाद माहौल को शांत करने के लिए त्रिपाठी त्रिवेणी महिला छात्रावास पहुंचे और छात्राओं की समस्याएं सुनीं. बीएचयू प्रबंधन ने महिला सुरक्षा के तहत वूमेन ग्रीवेंस सेल के तहत एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है- 8004922000. इसके अलावा एक मेल आईडी भी जारी किया है- wgcbhu@gmail.com इसके तहत जो भी छात्रा या महिला शिकायत करती है इस पर 10 मिनट के अंदर विश्वविद्यालय प्रबंधन कार्रवाई करेगा.
गौरतलब है त्रिपाठी ने कई ऐसे बयान दिए हैं, जिससे उनकी आलोचना की गई है. उन्होंने कहा था कि "कभी-कभी मुद्दे होते हैं और कुछ मुद्दे पैदा होते हैं. यह मुद्दा बनाया गया था. मुझे लगता है कि यह समस्या बाहरी लोगों द्वारा बनाई गई थी और जो इस मामले ने अंत में जो आकार लिया वह प्रारंभिक घटना से भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है.