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चार्ज संभालते ही 'दीदी' बनाम सीबीआई मामले में सक्रिय हुए नए डायरेक्टर

सीबीआई के नए डायरेक्टर आर.के. शुक्ला ने सोमवार को कार्यभार ग्रहण किया है. आजतक को सूत्रों से जानकारी मिली है कि शुक्ला ने कार्यभार ग्रहण करने के तत्काल बाद कोलकाता मामले में रुचि दिखाई और इस बारे में वरिष्ठ अध‍िकारियों के साथ बैठक कर जानकारी ली.

सीबीआई के नए डायरेक्टर आर.के शुक्ला (फोटो: पीटीआई) सीबीआई के नए डायरेक्टर आर.के शुक्ला (फोटो: पीटीआई)
मुनीष पांडे
  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2019,
  • अपडेटेड 5:48 PM IST

सीबीआई निदेशक का कार्यभार ग्रहण करने के बाद मिनटों के भीतर ऋषि कुमार शुक्ला ने वरिष्ठ अधिकारियों की एक मीटिंग बुलाकर कोलकाता पुलिस और ममता बनर्जी के साथ सीबीआई के विवाद मसले पर चर्चा की. आजतक-इंडिया टुडे को पता चला है कि कोलकाता में रविवार को शुरू हुए बवाल को हल करना ऋषि कुमार शुक्ला की शीर्ष प्राथमिकता में है.

सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में शारदा चिट फंड मामले की जांच कर रहे सीबीआई के कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. उन्होंने शुक्ला को इस मामले की जानकारी दी कि कोलकाता पुलिस के कमिश्नर राजीव कुमार के नेतृत्व में बने एसआईटी ने कौन से दस्तावेज या साक्ष्य नहीं दिए हैं.

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गौरतलब है कि शारदा चिटफंड मामले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो के अधिकारियों को रविवार को राजीव कुमार के कोलकाता के पार्क स्ट्रीट स्थित रेजिडेंस में घुसने नहीं दिया गया और उन्हें हिरासत में ले लिया गया. वे राजीव कुमार से पूछताछ करना चाहते थे. इन अधिकारियों को पहले पार्क स्ट्रीट थाने और फिर सेक्सपियर सरनी थाने में ले जाया गया.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद राजीव कुमार के आवास पर पहुंच गईं और उन्होंने बाद में मीडिया को संबोधित किया. सीबीआई ने लगातार यह दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच करने का निर्देश दिया है. इसलिए एजेंसी को मामले की जांच के लिए राज्य सरकार से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है.

सीबीआई ने अगस्त, 2018 में ही पश्चिम बंगाल के डीजीपी को पत्र लिखकर कहा था कि वह शारदा चिट फंड की जांच करने वाले सभी एसआईटी सदस्यों से पूछताछ करना चाहती है.

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सीबीआई ने आरोप लगाया कि राज्य की एसआईटी ने उसे जो दस्तावेज दिए हैं, उनमें छेड़छाड़ की गई है और कई साक्ष्यों को दिया ही नहीं गया. शारदा चिटफंड मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन साल 2013-14 में ममता बनर्जी सरकार ने ही किया था. बाद में साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला सीबीआई को सौंप दिया.

बवाल के बाद ममता बनर्जी ने रविवार रात से ही केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोला हुआ है, वह रात 8 बजे से धरने पर बैठी हैं. वह धरना स्थल से ही सरकार चला रही हैं, सोमवार दोपहर को उन्होंने धरना स्थल पर ही कैबिनेट बैठक भी की. टीएमसी के समर्थक बंगाल के अन्य हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं, कुछ जगह रेल रोकी गई तो कई जगह‍ हाइवे को भी बंद किया गया.

इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता में चल रहे सियासी ड्रामे पर तुरंत सुनवाई से मना कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अगर कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं तो वह कार्रवाई करने को तैयार है. सीबीआई ने अपनी याचिका में लिखा है कि पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस उनकी जांच में सहयोग नहीं कर रही है. उन्होंने ये भी दावा किया है कि दोनों ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना कर रहे हैं.

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