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अगर पूछताछ करनी थी तो जेल में ही कर लेते... प्रबीर पुरकायस्थ को पुलिस कस्टडी में भेजने का NewsClick ने किया विरोध

न्यूजक्लिक के संस्थापक-संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को अब 9 दिनों की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है. वेबसाइट की फंडिंग को लेकर UAPA का सामना कर रहे दोनों लोगों को पहले उन्हें ज्यूडिशयल कस्टडी में भेजा गया था.

प्रबीर पुरकायस्थ (फाइल फोटो) प्रबीर पुरकायस्थ (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 3:02 PM IST

वेबसाइट न्यूजक्लिक के संस्थापक-संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को पटियाला हाउस कोर्ट ने 9 दिन की दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की हिरासत में भेज दिया है. बता दें कि प्रबीर पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत गिरफ्तार किया गया था.  

स्पेशल सेल ने दोनों आरोपियों की 9 दिन की पुलिस कस्टडी मांगते हुए कहा था कि कुछ गवाहों से इनका आमना सामना कराना है. जो डिवाइस जब्त की गई थीं, उनमें भी कुछ डेटा मिला है. उनके बारे मे भी पूछताछ करनी है. 

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प्रवीर पुरकायस्थ के वकील ने स्पेशल सेल की कस्टडी की मांग का विरोध करते हुए कहा कि इसके लिए हिरासत में रखने की क्या दरकार है? जेल जाकर भी तो पूछताछ की जा सकती है. कोई डॉक्यूमेंट्स हैं तो उनके बारे में जेल जाकर पूछताछ कर सकते हैं. ज्यूडिशियल कस्टडी मे जाकर इन्होंने एक दिन भी पूछताछ नहीं की. अगर इतने इम्पॉर्टेंट डाक्यूमेंट्स मिले थे तो इन्हें जेल जाकर पूछताछ करनी चाहिए थी.  

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आरोपियों के वकील ने दलील दी कि इन्होंने डेटा रिट्रीव किया है. इनके पास पूरे डाक्यूमेंट्स हैं, जिस डेटा की बात पुलिस कर रही है वो किस तारीख का है? ये भी तो पुलिस बताए. ये तो बस इस बात पर कस्टडी मांग रहे है कि यूएपीए मे 30 दिन की कस्टडी मिलती है इसलिए हमें चाहिए. आरोपियों के वकील ने कहा कि दुबारा पुलिस हिरासत की मांग 12 से 13 दिन बाद की जा रही है. डिजिटल डेटा 6 अक्टूबर को जब्त किया है और  कस्टडी अब जाकर मांग रही है. 

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3 अक्टूबर को हुई थी छापेमारी

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 3 अक्टूबर की सुबह न्यूजक्लिक और उससे जुड़े पत्रकारों के घर पर छापेमारी शुरू की थी. जिन पत्रकारों के घर पुलिस पहुंची उनमें अभिसार शर्मा, उर्मिलेश, औनिंद्यो चक्रवर्ती और परंजय गुहा ठाकुरता सहित अन्य लोग शामिल थे. उसी दिन प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार कर लिया गया था. 

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38 करोड़ रुपये की हुई थी फंडिंग 

ईडी की जांच में खुलासा हुआ था कि 3 साल के अंदर 38.05 करोड़ रुपए के फेक विदेशी फंड ट्रांजेक्शन किया गया था. ये पैसे गौतम नवलखा और तीस्ता सीतलवाड़ के सहयोगियों के अलावा कई पत्रकारों को दिए गए थे. इसमें एफडीआई के जरिए 9.59 करोड़ रुपये और सर्विस एक्सपोर्ट के बदले 28.46 करोड़ रुपए देने की बात सामने आई थी. चीन से आया पैसा कुछ विदेशी फर्मों के माध्यम से Newsclick तक पहुंचा. यही पैसा Newsclick से जुड़े पत्रकारों को भी दिया गया था.  

चीनी कंपनियों से फंडिंग मिलने का मामला  

साल 2021 में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने Newsclick को मिली अवैध फंडिंग को लेकर मुकदमा दर्ज किया था. ये संदिग्ध फंडिंग चीनी कंपनियों के जरिये Newsclick को मिली थी. इसके बाद ED ने मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू की थी, हालांकि हाई कोर्ट ने उस वक्त Newsclick के प्रमोटर्स को गिरफ्तारी से राहत दे दी थी.  
 

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