
इंडिया टुडे पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) के 10वें संस्करण के मुताबिक मध्य प्रदेश में बीजेपी के जीतने की संभावना 52 फीसदी है. PSE सर्वे से संकेत हैं कि राजस्थान में बीजेपी की जीत की संभावना सिर्फ 35% है यानि यहां कांग्रेस को साफ तौर पर भारी बढ़त हासिल है. छत्तीसगढ़ में रमन सिंह की अगुआई में बीजेपी की जीत की संभावना 55% है. तेलंगाना में केसीआर की अगुआई वाली तेलंगाना राष्ट्र समिति को बंपर बढ़त हासिल है. PSE के मुताबिक केसीआर की पार्टी के चुनाव जीतने की संभावना 75% है.
2- अमेरिका के बार में हुई गोलीबारी, हमलावर समेत 13 लोगों की मौत
अमेरिका के दक्षिण कैलिफोर्निया की एक बार में बुधवार रात गोलीबारी हुई जिसमें 13 लोगों की मौत हो गई है. हमलावर ने सेमी-ऑटोमेटिक गन से हमला किया और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई. इस हमले में एक हमलावर और एक पुलिस अधिकारी को मिलाकर 13 लोगों की मौत हुई है.
3- पत्रकार से भिड़े राष्ट्रपति ट्रंप, बौखलाए वाइट हाउस ने निलंबित किया पास
वाइट हाउस ने सीएनएन के वाइट हाउस संवाददाता जिम अकोस्टा का प्रेस पास निलंबित (अस्थायी तौर पर अमान्य) कर दिया. वहीं, जिम का बचाव करते हुए सीएनएन ने कहा कि यह फैसला 'लोकतंत्र के लिए खतरा' है. बुधवार को हुए संवाददाता सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और सीएनएन के प्रमुख वाइट हाउस संवाददाता जिम अकोस्टा के बीच तीखी नोंकझोंक होने के एक दिन बाद यह कार्रवाई की गई.
4- CBI Vs CBI: CVC के सामने पेश हुए आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना, हुई पूछताछ
केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना गुरुवार को केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC) के समक्ष पेश हुए. इस दौरान केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त वी चौधरी ने दोनों से पूछताछ की. माना जा रहा है कि उन्होंने उन पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच को लेकर अपना पक्ष रखा. अधिकारियों ने कहा कि वर्मा और अस्थाना दोपहर एक बजे केन्द्रीय सतर्कता आयोग पहुंचे और करीब एक घंटे रुके. अधिकारियों ने कोई अन्य जानकारी दिए बिना कहा कि उन्होंने चौधरी और सतर्कता आयुक्त शरद कुमार से मुलाकात की.
5- नोटबंदी से क्या सच में कैशलेस हुई इकोनॉमी? क्या कहते हैं 2 साल के आंकड़े
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी. इस घोषणा के कई मकसद में से एक मकसद भारत को कैशलेस इकोनॉमी बनाना था. हालांकि नोटबंदी के दो साल बाद भी कैश किंग है. भारतीय रिजर्व बैंक के डेटा से ये बात साफ नजर आती है.