
यूपी में बीजेपी को बड़ी जीत मिली. राज्यसभा चुनाव में योगी ने ऐसा चक्रव्यूह रचा कि समाजवादी पार्टी और बीएसपी गठबंधन चारों खाने चित हो गया. यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों में से नौ पर बीजेपी ने जीत दर्ज कर ली है. एक साथ पढ़िए बड़ी खबरें.
1- गुजरात की याद दिला गया यूपी में राज्यसभा चुनाव, लेकिन इस बार जीत गई बीजेपी
उत्तर प्रदेश देश की राजनीति में बड़ा महत्व रखता है. यही कारण है कि यहां होने वाले हर चुनाव पर पूरे देश की नज़र रहती है. शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हुआ. इस दौरान पूरे दिन स्थिति गंभीर बनी रही और देर रात तक चले ड्रामे के बाद बीजेपी ने बाजी मार ली. 10 सीटों में से 9 पर भाजपा के प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की.
2- राज्यसभा चुनाव: जीत दर्ज कर योगी ने कसा तंज, सपा सिर्फ लेना जानती है, देना नहीं
यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों में से नौ पर बीजेपी ने जीत दर्ज कर ली है. बीजेपी प्रत्याशी अनिल अग्रवाल ने भीमराव अंबेडकर को हराकर 9वीं सीट पर जीत हासिल की. इस जीत से बीजेपी में खुशी की लहर है. यूपी की 10 राज्यसभा सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में थे. इस चुनाव में बीजेपी ने कुल नौ उम्मीदवार ही उतारे थे, जिनमें से सभी को जीत मिली है. इस जीत से राज्यसभा में बीजेपी को मजबूती मिलेगी.
3- राज्यसभा चुनावः 5 प्वाइंट में समझें बीजेपी ने यूपी में कैसे बदला गणित
उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों में बीजेपी के केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, डॉ. अनिल जैन, अशोक वाजपेयी, कांता कर्दम, विजय पाल सिंह तोमर, डॉ. हरनाथ सिंह यादव, सकलदीप राजभर और जीवीएल नरसिम्हा के साथ 9वें उम्मीदवार के तौर पर अनिल अग्रवाल ने जीत दर्ज की है.
4- राज्यसभाः 15 दिन में सिर्फ 310 मिनट हुआ काम, पढ़ें ब्यौरा
बजट सत्र का दूसरा हिस्सा लगातार हंगामें की भेंट चढ़ रहा है. बीते 15 दिन में राज्यसभा की कार्यवाही सिर्फ 310 मिनट तक ही चल सकी है, जबकि इसे औसतन 15 दिनों में 5400 मिनट तक चलना चाहिए. इतने ही दिनों में सदन की कार्यवाही 27 बार स्थगित की जा चुकी है.
5- हीरा कारोबारी का 12 साल का बेटा बनेगा जैन भिक्षु, फरारी में निकली यात्रा
क्या कोई बच्चा 12 वर्ष की आयु में दीक्षा लेने की सोच सकता है. गुजरात के सूरत से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. सूरत के भव्य शाह अब परिवार को छोड़कर दीक्षा के रास्ते पर चल पड़े हैं. 7वीं कक्षा में पढ़ने वाले भव्य ने आखिरी बार अपने परिजनों से मुलाकात भी कर ली है. परिवार वाले अपने बेटे को जीभर के निहार लेना चाहते थे. यही वजह रही कि जब भव्य की मुहूर्त यात्रा निकली तो शानदार तरीके से निकाली गई.