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अमित शाह बोले- पुलिस हिरासत में मौत पर हमारी नीति जीरो टॉलरेंस की

मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत का संविधान हम सबके लिए सर्वोच्च है. संविधान के तहत जो अधिकार सभी नागरिकों को मिले हैं, उनकी रक्षा करना सरकार और मानवाधिकार आयोग जैसे संगठनों का काम है.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Courtesy- ANI) केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Courtesy- ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 8:00 PM IST

  • अमित शाह बोले- मानवाधिकारों की रक्षा करना सरकार का काम
  • वसुधैव कुटुंबकम में ही समाहित है मानवाधिकार का दायित्वः शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पुलिस हिरासत में मौत के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. एक भी व्यक्ति बिना किसी कारण के पुलिस कस्टडी में न मरे, एक भी व्यक्ति एक्स्ट्रा ज्यूडिशियल किलिंग का शिकार न हो, यह हमारा दायित्व तो है ही, मगर साथ ही हर व्यक्ति को सम्मान के साथ जीने की व्यवस्था मिले, ये भी हमें करना पड़ेगा.

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मानवाधिकार आयोग के 26वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद पहली बार मानवाधिकार के मसले पर का किया गया. उन्होंने कहा, 'भारत का संविधान हम सबके लिए सर्वोच्च है. संविधान के तहत जो अधिकार सभी नागरिकों को मिले हैं, उनकी रक्षा करना हमारा काम है, व्यवस्था का काम है, सरकार का काम है और मानवाधिकार आयोग जैसे संगठनों का काम है.'

इस दौरान अमित शाह ने आतंकवाद और नक्सलवाद को सबसे बड़ा मानवाधिकार के हनन का कारक बताया. उन्होंने कहा कि कश्मीर में करीब 40 हजार से ज्यादा लोग आतंकवाद की भेंट चढ़ गए. उन्होंने सवाल किया कि जिन नागरिकों की आतंकवादियों ने हत्या कर दी, क्या उनके परिवारों का मानवाधिकार कुछ नहीं है?

वसुधैव कुटुंबकम में समाहित है मानवाधिकारः अमित शाह

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समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, 'हमारी संस्कृति, हमारा देश और हमारा समाज वर्षों से संकुचित सोच से ऊपर उठकर वसुधैव कुटुंबकम की भावना से सोचने वाला देश है. जब आप पूरे विश्व को अपना परिवार समझते हो, तो वसुधैव कुटुंबकम के अंदर ही मानवाधिकार का दायित्व समाहित दिखाई पड़ता है.'

उन्होंने कहा कि जहां तक बच्चों और महिलाओं के मानवाधिकार का सवाल है, तो हमारे देश और समाज में मानवाधिकार से संबंधित व्यवस्थाएं पहले से इनबिल्ट हैं. हमारी परिवार व्यवस्था के अंदर ही महिलाओं और बच्चों के अधिकार की बहुत सारी चीजें बिना कानून के सुरक्षित हैं.

अमित शाह ने कहा- अटल और शाश्वत हैं बापू के सिद्धांत

मानवाधिकार आयोग के स्थापना दिवस समारोह में शाह ने कहा, 'पिछले साल ही भारत के मानवाधिकार आयोग ने अपनी सिल्वर जुबली मनाई है. मैं मानता हूं कि 26 साल के अंदर भारत के जनमानस में मानवाधिकार आयोग में जागरूकता जगाने के लिए बहुत काम किए हैं.'

उन्होंने कहा कि हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाने जा रहे हैं. पूरा विश्व बापू के सिद्धांतों पर आगे बढ़ने के लिए उनकी जयंती के 150वें वर्ष का उपयोग करने जा रहा है. हम सब चाहते हैं कि महात्मा गांधी के सिद्धांत रिलिवेंट होकर सामने रखे जाएं, क्योंकि गांधी के सिद्धांत शाश्वत और अटल हैं.

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हमारी सरकार ने लड़ी अलग प्रकार की मानवाधिकार लड़ाई: शाह

अमित शाह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, 'हमारी सरकार ने एक अलग प्रकार से मानवाधिकार के लिए लड़ाई लड़ी है और सफलता भी प्राप्त की है. हम सबका साथ सबका विकास का कंसेप्ट लेकर चलते हैं. आजादी के 70 साल तक देश में 5 करोड़ लोगों के पास घर नहीं था, 3.5 करोड़ लोगों के घर में बिजली नहीं थी, 50 करोड़ लोगों के पास स्वास्थ्य सुरक्षा नहीं थी और महिलाओं को शौचालय उपलब्ध नहीं थे, क्या ये इन लोगों के मानवाधिकार का हनन नहीं है?'

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