
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं. इन दोनों पर आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने में संलिप्तता के आरोप हैं.
एनआईए के प्रवक्ता ने बताया,‘एनआईए ने इन दोनों के गैर जमानती वारंट जारी करने के लिए जांच एजेंसी की विशेष अदालत का रुख किया था.’
जांच एजेंसी ने कहा कि दोनों पाकिस्तान में प्रशिक्षित आतंकवादियों को सक्रिय करते हैं. ये जम्मू कश्मीर को भारत से अलग करने के अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के इरादे से अलगाववादी नेताओं की मिलीभगत से देश के अंदर भेजते हैं. एनआईए सईद और सलाहुद्दीन समेत 12 आरोपियों के खिलाफ 18 जनवरी को एक मामले में पहले ही आरोपपत्र दायर कर चुकी है.
जांच एजेंसी ने जम्मू कश्मीर में आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों को अंजाम देने के इरादे से सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 121 के तहत सईद और सलाहुद्दीन के खिलाफ 12,794 पृष्ठों का आरोप पत्र दायर किया था.
एनआईए के अनुसार 30 मई, 2017 को मामला दर्ज किया गया और पिछले साल 24 जुलाई को इस संबंध में पहली गिरफ्तारी हुई.इसने बताया कि जांच के दौरान 300 से अधिक गवाहों के बयान लिए गए.
बता दें कि हाल ही में एनआईए ने हरियाणा में पलवल जिले के उटावड़ गांव में बन रही मस्जिद खुलाफा-ए-रशीदीन में टेरर फंडिंग मामले का खुलासा किया था. इस मस्जिद को हाफिज सईद और फ़लाह-ए- इंसानियत और लश्कर-ए-तैयबा 5 साल से फंडिंग कर रहे थे. इतना ही नहीं एनआईए के सूत्रों के मुताबिक पलवल की मस्जिद ढाई करोड़ रुपये में बनी है.