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घोड़ासहन रेलवे ट्रैक बम प्लांट के मामले में एनआईए को एक सुन्दरी की तलाश है. मामला तूल पकड़ने के बाद यह सुन्दरी भूमिगत है. सत्रों का कहना है कि आतंकी खेल के हर शह और मात की साझीदार है ये सुन्दरी, नाम है रूबी गिरि.
जानकारी के मुताबिक नेपाल के व्यापारिक शहर बीरगंज में वो एक रेस्टोरेन्ट में काम करती है. वह रेलवे ट्रैक पर बम प्लांट करने वाले मुख्य आरोपी बृज किशोर गिरि की प्रेमिका बताई जाती है. कहा ये भी जा रहा है कि बम प्लांट करने का सारा षड्यंत्र उसी रेस्टोंरेंन्ट में रचा गया था और रूबी भी उसमें मौजूद रहती थी. बृजकिशोर गिरि को नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
अब जांच ऐजेंसियों को इस रूबी गिरि की तलाश है. सूत्रों के मुताबिक एनआईए की एक टीम इस पर बराबर काम कर रही है क्योंकि एनआईए को मालूम है कि रूबी से पूछताछ में बहुत सारी जानकारियां मिल सकती हैं. क्योंकि वह न सिर्फ बृजकिशोर गिरि की प्रेमिका है बल्कि नेपाल के कुख्यात गैंग बाबा गैंग की हार्डकोर सदस्या भी है. सूत्रों का कहना है कि रूबी हर आतंकी साजिश की राजदार है उसके अड्डे पर ही आतंकी साजिश रची जाती थी.
षड्यंत्र की कहानी
आईएसआई उमाशंकर पटेल ने ही रूबी के बारे में जांच ऐजेंसियों को बताया है. इसके साथ ही उसने षड्यंत्र की पूरी कहानी अपने बयान में बताया कि 30 सितंबर 2016 की रात में ही घोडासहन स्टेशन के होम सिग्नल के पास विस्फोटक लगा दिया गया था. उमाशंकर पटेल ने बताया कि नवरात्र शुरू होने के दो दिन पहले नेपाल के निवासी ब्रजकिशोर गिरि ने दिल्ली में बैठे शम्सुल होदा से उसकी बात कराई थी और उसमें एक काम करने की बात की थी. फिर 30 सितंबर के दिन में हम छोडादानों के जनता चौक पर मिले थे. कुछ देर इंतजार के बाद गिरि एक स्कोर्पियो से वहां पहुंचा.
गाड़ी में उसके अलावा राकेश यादव, मुकेश यादव, गजेन्द्र शर्मा ,अरूण राम, दीपक राम भी थे. उसी चौक पर मोजाहिर और गिरि का साला शम्भू गिरि भी मिले, वे लोग भी स्कोर्पियो पर सवार हो गए. जबकि गिरि बाईक से था. बृजकिशोर गिरि कुकर बम बनाने के लिए बारूद नेपाल से लाया था. सूर्यास्त के बाद सब लोग जनता चौक से चले. रास्ते में जीतना थाने के छठिया घाट पुल के पास पुलिस की चेकिंग चल रही थी. इस कारण स्कार्पियो को एक आम के बगीचे में लगा कर सभी उतर गए. उसके बाद गिरि बाईक से उतर कर गाड़ी में बैठ गया और पुलिस की गतिविधियों को देखते हुए सावधानी से गाड़ी को निकाल लिया. घोडासहन सिग्नल के पास आईडी लगाने के बाद गिरि ने दीपक और अरूण को इसे विस्फोट करने के तरीके बताये और सभी घर चले गए.
जांच में मिले सबूत
जांच ऐजेंसियों ने भी माना कि आतंकियों ने घटना को अंजाम देने के लिए बम नेपाल से लेकर आए थे. बम को नेपाल में ही बनाया गया था. रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि उमाशंकर ने बम बनाने की ट्रेनिंग आईएसआई से नेपाल के एक गुप्त स्थान पर ली थी. बम लाने के लिए जिस बोरे का इस्तेमाल हुआ था उसे भी बरामद करने का दावा किया गया है. बोरे को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है.
इस पूरे मामले में 10 आरोपी हैं जिसमें से 6 आरोपी गिरफ्तार हो गए हैं. तीन को मोतिहारी पुलिस ने और तीन को नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया है. जबकि अरूण और दीपक की हत्या आईएसआई के द्वारा ही कर दी गई है दो आरोपी अभी भी फरार है जिनके नाम राकेश यादव और गजेन्द्र शर्मा हैं. पुलिस सम्शुल होदा पर भी शिकंजा कस रही है.