
आजतक के ऑपरेशन हुर्रियत के बाद गिरफ्तार किए गए सात हुर्रियत नेताओं को मंगलवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को 10 दिन की रिमांड पर भेज दिया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी.
एनआईए ने सोमवार को पाकिस्तान से फंडिग के मामले में 7 हुर्रियत नेताओं को कश्मीर से गिरफ्तार किया था. जिसके बाद इन सातों नेताओं को दिल्ली लाया गया. इनमें बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ फंटूस, शहीद उल इस्लाम सहित दूसरे हुर्रियत नेता शामिल हैं.
राजधानी लाने के बाद सोमवार रात सभी आरोपियों को एनआईए ने सीजीओ कॉन्प्लेक्स स्थित सीबीआई हेडक्वार्टर के अंडर ग्राउंड लॉकअप में रखा था. बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ फंटूस, शहीद उल इस्लाम सहित दूसरे हुर्रियत नेताओं और ट्रेडर्स की रात CBI के हेडक्वार्टर में बने लॉकअप में रखा गया था.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एनआईए इन सातों आरोपियों को रिमांड पर एक बार फिर गहन पूछताछ करेगी. हालांकि इससे पहले एनआईए बिट्टा कराटे, नईम खान, गाजी जावेद बाबा, अल्ताफ फंटूश और शहीद उल इस्लाम से लंबी पूछताछ कर चुकी है.
'फंडिंग का कबूलनामा'
एनआईए से मिली जानकारी के मुताबिक इस पूछताछ में गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों ने पाकिस्तान से हो रही फंडिंग की बात कबूली है. आपको बता दें कि आजतक ने 'ऑपरेशन हुर्रियत' के नाम से स्टिंग दिखाया था, जिसके बाद एनआईए ने इस पूरे मामले की जांच शुरू की थी. शुरुआत में प्रारंभिक जांच का मामला दर्ज कर उसके बाद एनआईए ने इस मामले पर FIR दर्ज करते हुए बड़ी कार्रवाई की. एनआईए ने देश के अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर महत्वपूर्ण दस्तावेज इकट्ठा किए.
215 अधिकारियों की टीम ने किया केस क्रैक
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एनआईए के करीब 215 अधिकारी और कर्मचारी इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. जिसमें 8 SP स्तर के अधिकारियों की टीमें बनी हैं. वहीं 3 डीआईजी और 2 IG स्तर के अधिकारी इस पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं. आतंकी फंडिंग जहां एक ओर उरी और पुंछ के जरिए ट्रेड के द्वारा पाकिस्तान की तरफ से करोड़ों रुपए भेजे जा रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ हवाला के जरिए आतंकियों के पास पैसे भेजे जा रहे हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जब एनआईए ने छापेमारी की थी तो उस दौरान लश्कर के लेटर हेड और इसके अलावा हिजबुल मुजाहिद्दीन के "थैंक यू लेटर" भी गिरफ्तार किए गए हुर्रियत नेताओं के घरों से मिले थे. सूत्र बताते हैं कि शहीदुल इस्लाम जो मीरवाइज उमर फारूक का सबसे करीबी हैं, उसके सीधे संबंध हिजबुल मुजाहिद्दीन के चीफ सैयद सलाउद्दीन से हैं. आने वाले समय में एनआईए हुर्रियत के बड़े नेताओं से पूछताछ कर सकती है.