
गणतंत्र दिवस के मौके पर गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए हाल ही में हुई दो बड़ी रेल दुर्घटनाओं (कानपुर के रूरा और आंध्रप्रदेश के कुनेरु) की जांच एनआईए को सौंप दी है. आपको बता दें कि रेल मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश के कुनेरू में हुए ट्रेन हादसे के बाद कहा था कि हम इस बात से इंकार नहीं करते कि इन हादसों के पीछे कोई साजिश है. इसके अलावा ताजा जानकारी के मुताबिक बिहार के घोड़ासहन रेलवे ट्रैक के मामले में NIA ने मामला दर्ज कर लिया है.
गृह मंत्रालय के निर्देश पर अब कानपुर और आंध्र प्रदेश में हुए ट्रेन हादसों की जांच एनआईए को सौंप दिया गया है. इस बारे में एनआईए ने आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा है कि आंध्र प्रदेश के कुनेरु और कानपुर के रूरा में हुए ट्रेन हादसों की साजिश की जांच एनआईए को मिल गई है. जल्द ही एनआईए इस पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर देगी. इसके अलावा एनआईए ने ये भी जानकारी दी है कि घोड़ासहन रेल पटरी पर हुए साजिश का मामला एजेंसी ने दर्ज कर लिया है.
आपको बता दें कि रेलमंत्री सुरेश प्रभु के आग्रह के बाद गृह मंत्री राजनाथ ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को हाल के ट्रेन हादसों के पीछे तोड़फोड़ की आशंकाओं की जांच करने को कहा है. एनआईए की एक टीम हाल ही में आंध्र प्रदेश में हुई जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस दुर्घटना की जांच के लिए विजयनगरम जिले के कनेरू गयी थी. वहां की रिपोर्ट के बाद गृह मंत्रालय ने एनआईए को ये जांच सौंप दिया है.
आपको याद दिला दें कि रेलवे ने इस हादसे के पीछे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ की आशंका प्रकट की थी. पिछले शनिवार को हुई इस दुर्घटना में 39 लोगों की मौत हो गई थी. एनआईए कानपुर के निकट पुखरायां में गत वर्ष 20 नवम्बर को हुई इंदौर-राजेंद्रनगर एक्सप्रेस दुर्घटना के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ होने की आशंका की जांच भी करेगी. इस हादसे के पीछे आईएसआई का हाथ होने की बात बिहार के पूर्वी चंपारण से पकड़े गए तीन बदमाशों-मोती पासवान, उमाशंकर पटेल तथा मुकेश यादव से पूछताछ में सामने आई थी. इन तीनों ने पुलिस को बताया था उन्हें घोड़ासहन रेलवे स्टेशन के नजदीक ट्रैक पर आइईडी लगाने के लिए आईएसआई की ओर से तीन लाख रुपये दिए गए थे. हालांकि इस आइईडी को ग्रामीणों की मदद से विस्फोट के पहले ही बरामद कर लिया गया था.
इस सिलसिले में एनआईए की एक टीम बिहार के मोतीहारी गई है जिसमें आई जी स्तर के एनआईए के अधिकारी मौजूद हैं. ये लोग मोतिहारी में कैम्प कर ISI की साजिश का पता लगाएंगे. साथ ही साथ यह जानने की भी कोशिश करेंगे कि क्या साजिश के पीछे कराची में बैठे शख्स का हाथ है. इसके अलावा एनआईए साजिश के लिए फंडिंग कैसे हुई और रूट्स में कौन लगे थे जैसे मुद्दों की पड़ताल भी करेगी.