
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के वैज्ञानिकों ने सोमवार की सुबह ओडिशा के समुद्री तट से एक सब-सोनिक क्रूज मिसाइल निर्भय का सफल परीक्षण किया.वैज्ञानिकों के मुताबिक यह मिसाइल 1000 किलोमीटर तक मार करने में पूरी तरह सक्षम है. इस मिसाइल से भारत की सैन्य ताकत को मजबूती मिलेगी. इस मिसाइल की क्षमता अमेरिका के प्रसिद्ध टॉमहॉक मिसाइल के बराबर है.
बता दें कि यह मिसाइल बिना भटके अपने निशाने पर अचूक मार करने में सक्षम है. ओडिशा के परीक्षण रेंज से डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने यह सफलता हांसिल की है. निर्भय सब-सोनिक क्रूज मिसाइल को भारत देश में ही डिजाइन और तैयार किया गया है. इस मिसाइल का पहला परिक्षण 12 मार्च 2013 में किया गया था.
सूत्रों ने बताया कि 1,000 किलोमीटर दूरी तक निशाना साधने में सक्षम मिसाइल को बालासोर जिले के चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (आईटीआर) के लॉन्च पैड से छोटी दूरी के लिए दागा गया. सूत्रों ने आगे बताया कि रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा स्वदेश में विकसित की गई निर्भय मिसाइल 300 किलोग्राम तक के वॉरहेड ले जा सकती है यह मिसाइल एक टर्बोफैन या टबोर्जेट इंजन के साथ यात्रा कर सकती है और एक अत्यधिक उन्नत इनर्शियल नेविगेशन प्रणाली से निर्देशित है.
बता दें कि इससे पहले भी डीआरडीओ के वैज्ञानिको ने निर्भय सब सोनिक क्रूज मिसाइल के 5 बार परीक्षण किए हैं, पहली बार मार्च 2013 में किया गया था उस समय मिसाइल में खराबी आने के कारण मिसाइल ने बीच रास्ते में ही काम करना बंद कर दिया था, दूसरी बार अक्तूबर 2014 में किया गया , तीसरी बार अक्तूबर 2015 इस परीक्षण में मिसाइल 128 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद अपने रास्ते से भटक गई थी, चौथी बार दिसंबर 2016 और पांचवीं बार इस मिसाइल का नवंबर 2017 में परीक्षण किया गया है. वैज्ञानिकों ने 2017 में किए परीक्षण को सफल बताया था.
निर्भय दो चऱण वाली मिसाइल है, पहली बार में लबंवत दूसरे चरण में क्षैतिज. यह पारंपरिक रॉकेट की तरह सीधा आकाश में जाती है फिर दूसरे चरण में क्षैतिज उड़ान भरने के लिए 90 डिग्री का मोड़ लेती है इस मिसाइल को 6 मीटर लंबी और 0.52 मीटर चौड़ी बनाया गया है. यह मिसाइल 0.6 से लेकर 0.7 मैक की गति से उड़ सकती है, इसका वजन अधिकतम 1500 किलोग्राम है जो 1000 किलोमीटर तक मार कर सकती है, एडवांस सिस्टम लेबोरेटरी द्वारा बनाई गई ठोस रॉकेट मोटर बूस्टर का प्रयोग किया गया है जिससे मिसाइल को ईंधन मिलता है.