
पुलवामा हमले के बाद से ही देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है. इसी को देखते हुए गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ऐलान किया कि पाकिस्तान की ओर जाने वाली नदियों के भारत के हिस्से के पानी को भी रोक दिया जाएगा. हालांकि, अब उन्होंने कहा है कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद फैलाने पर रोक नहीं लगाता है तो उसके हिस्से का पानी भी रोका जा सकता है.
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि इस तरह का फैसला प्रधानमंत्री लेवल पर होता है, लेकिन उन्होंने अपने मंत्रालय में कहा है कि अगर ये फैसला लेना पड़े तो इसके सभी तकनीकी पहलुओं को देखा जाए. गडकरी ने कहा कि अगर पाकिस्तान का व्यवहार इसी तरह का रहता है तो उनके साथ मानवता के आधार पर व्यवहार करने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि जो हमारे करार का पानी है, उसको हमने अभी तक नहीं छेड़ा नहीं था. गडकरी का कहना है कि यह हमारे अधिकार का पानी है जो हमने रोका है, पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध जो है ठीक नहीं है. इस पानी का इस्तेमाल राजस्थान और पंजाब जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा.
अब पहले जैसा सौहार्द्र नहीं रहा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के साथ ट्रीटी करते वक्त यह हुआ था कि वह भाईचारे के साथ आगे बढ़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. इसी कारण लोगों की मांग है कि इन नदियों का पूरा पानी बंद कर दो, अभी इस प्रकार का कोई निर्णय हुआ नहीं है. लेकिन अगर पाकिस्तान इसी तरीके का व्यवहार करता रहेगा, सौहार्द का माहौल खराब करता रहेगा.
नितिन गडकरी ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, हमारे देश में घुसकर आतंकवादियों को मदद कर रहा है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि इसको लागू करने में थोड़ा वक्त जरूर लगेगा. इसके लिए हमें डैम बनाने पड़ेंगे, कैनाल बनाने पड़ेंगे. सिंधु जल समझौते के तहत आने वाली रावी, ब्यास और सतलुज का पानी डायवर्ट कर यमुना में लाया जाएगा.