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पांच दिन में 5 बयान, क्या है नितिन गडकरी के 'मन की बात'?

Nitin Gadkari Statments नितिन गडकरी ने पिछले एक हफ्ते में कई ऐसे बयान दिए हैं जो सुर्खियों में रहे हैं. इस लेख में केंद्रीय मंत्री के उन्हीं विवादित बयानों पर नजर डालिए...

Nitin Gadkari (File Photo) Nitin Gadkari (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:58 AM IST

गंगा की सफाई और देश में सड़कों का जाल बिछाने जैसी बड़ी जिम्मेदारियां संभाल रहे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पिछले करीब एक हफ्ते से सुर्खियों में बने हुए हैं. तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावी हार की जिम्मेदारी से लेकर अब देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की तारीफ तक गडकरी के बयानों ने चर्चा बटोरी है. ये बयान सिर्फ सुर्खियों तक ही सीमित नहीं रहे क्योंकि इन्हें सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ आवाज के तौर पर माना जा रहा है.

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ऐसे में इस प्रकार के सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि क्या नितिन गडकरी केंद्रीय नेतृत्व से खफा चल रहे हैं या फिर इन बयानों के पीछे कुछ और ही वजह है. नितिन गडकरी के पिछले जिन बयानों पर चर्चाएं तेज हुई हैं और जिन्होंने इन अटकलों को जन्म दिया है. वो बयान कुछ इसप्रकार हैं...

# मुझे नेहरू के भाषण पसंद हैं

''सिस्टम को सुधारने को दूसरे की तरफ उंगली क्यों करते हो, अपनी तरफ क्यों नहीं करते हो. जवाहर लाल नेहरू कहते थे कि इंडिया इज़ नॉट ए नेशन, इट इज़ ए पॉपुलेशन. इस देश का हर व्यक्ति देश के लिए प्रश्न है, समस्या है. उनके भाषण मुझे बहुत पसंद हैं. तो मैं इतना तोकर सकता हूं कि मैं देश के सामने समस्या नहीं बनूंगा''.  

# हार का जिम्मेदार कौन?

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24 दिसंबर को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ''यदि मैं पार्टी का अध्यक्ष हूं और मेरे सांसद और विधायक अच्छा नहीं करते हैं तो कौन जिम्मेदार होगा?''.

# सफलता के कई दावेदार, लेकिन विफलता का कोई नहीं

पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान नितिन गडकरी ने कहा, ''सफलता के कई दावेदार होते हैं, लेकिन विफलता में कोई साथ नहीं होता. सफलता का श्रेय लेने के लिए लोगों में होड़ रहती है, लेकिन विफलता को कोई स्वीकार नहीं करना चाहता, सब दूसरे की तरफ उंगली दिखाने लगते हैं.''

# जहां हूं, वहां खुश हूं

प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री बोले, ''मुझे गंगा प्रोजेक्ट पूरा करना है. एक्सेस कंट्रोल हाइवे का निर्माण करना है. मैं चारधाम रोड और अन्य प्रोजेक्ट को पूरा करना चाहता हूं. मैं जो काम कर रहा हूं, उससे खुश हूं और इसे पूरा करनाचाहता हूं.''

# बीजेपी के कुछ नेताओं को मुंह बंद रखने की जरूरत

एक टीवी कार्यक्रम को दिए इंटरव्यू में केंद्रीय मंत्री ने कहा, ''हमारे पास इतने नेता हैं, और हमें उनके सामने (टीवी पत्रकारों) बोलना पसंद है, इसलिए हमें उन्हें कुछ काम देना है. उन्होंने एक फिल्म के सीन का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोगों के मुंह में कपड़ा डाल कर मुंह बंद करने की जरूरत है.''

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