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स्विस बैंकों में भारतीयों का 300 करोड़ काला धन, तीन साल में नहीं आया कोई दावेदार

स्विट्जरलैंड ने पहली बार दिसंबर 2015 में कुछ निष्क्रिय खातों की सूची जारी की थी. इनमें स्विट्जरलैंड के नागरिकों के साथ ही भारत के कुछ लोगों समेत बहुत से विदेशी नागरिकों के खाते हैं.

स्विस बैंक ने 2015 में जारी की थी लिस्ट स्विस बैंक ने 2015 में जारी की थी लिस्ट
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 15 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 11:17 PM IST

स्विट्जरलैंड के बैंकों में अवैध काले धन के मुद्दे पर भारत में लगातार चल रही तीखी राजनीतिक बहस के बावजूद इन बैंकों में भारतीयों के निष्क्रिय पड़े खातों की सूचना जारी किए जाने के तीन साल बाद भी उनका कोई दावेदार सामने नहीं आया है.

स्विट्जरलैंड ने पहली बार दिसंबर 2015 में कुछ निष्क्रिय खातों की सूची जारी की थी. इनमें स्विट्जरलैंड के नागरिकों के साथ ही भारत के कुछ लोगों समेत बहुत से विदेशी नागरिकों के खाते हैं. उसके बाद समय-समय पर इस तरह के और भी खातों की सूचना जारी की जाती रही है जिनके ऊपर किसी ने दावा नहीं किया गया है.

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नियम के तहत इन खातों की सूची इसलिए जारी की जाती है कि ताकि खाताधारकों के कानूनी उत्तराधिकारियों को उन पर दावा करने का अवसर मिल सके. सही दावेदार मिलने के बाद सूची से उस खाते की जानकारियां हटा दी जाती हैं. साल 2017 में सूची से 40 खाते और दो सुरक्षित जमा पेटियों की जानकारी हटाई जा चुकी हैं.

हालांकि अभी भी सूची में 3,500 से अधिक ऐसे खाते हैं जिनमें कम से कम छह भारतीय नागरिकों से जुड़े हैं और उनके दावेदार नहीं मिले हैं.

स्विस बैंकों में बढ़ा भारतीयों का पैसा

स्विस नेशनल बैंक द्वारा जारी हालिया आंकड़ों के अनुसार, स्विस बैंकों में भारतीय लोगों का जमा 2017 में 50 प्रतिशत बढ़कर 1.01 अरब सीएचएफ (स्विस फ्रैंक) यानी करीब 7,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. हालांकि इसमें वे राशियां शामिल नहीं हैं जो किसी अन्य देश में स्थित निकायों के नाम से जमा कराए गए हैं.

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