
उत्तर प्रदेश में BJP की सरकार बनने से उत्साहित सड़क परिवहन और हाइवे मंत्री नितिन गडकरी की उम्मीदों की रफ्तार 6 महीना तेज हो गई है. उन्हें उम्मीद है कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे मार्च 2018 की बजाय अगस्त 2017 में ही शुरू किया जा सकेगा. मतलब अब प्रोजेक्ट के 30 महीने के बजाय 24 महीनों में ही पूरा होने की उम्मीद जग गई है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस प्रोजेक्ट को 400 दिनों में पूरा करने के निर्देश दिये हैं. गौरतलब है कि चार सौ दिन अगस्त में पूरे हो जाएंगे.
आपको बता दें कि पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पूरी दिल्ली को घेरेगा. यानी अब दमघोंटू धुआं उड़ाने वाले ट्रकों का दिल्ली से होकर गुजरने का रास्ता बंद हो जाएगा. स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त से इस नए पेरिफल एक्सप्रेस वे के उद्घाटन की उम्मीद सरकार को भी है.
सड़क परिवहन और हाइवे मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक 270 किलोमीटर परिधि यानी घेरे वाले इस 6 लेन एक्सप्रेस वे की चौड़ाई 100 मीटर होगी. इसके अलावा दोनों ओर सीमेंट के पक्के हाशिये भी होंगे.
गडकरी के मुताबिक 270 किलोमीटर के इस रिंगरोड को दो हिस्सों में बांटकर बनाया गया है. 135 किलोमीटर के दो हिस्से ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे हैं. इन दोनों हिस्सों का मिलन नेशनल हाइ-वे 1 और 2 पर होगा.
270 किलोमीटर का ये एक्सप्रेस-वे 183 किलोमीटर का सफर हरियाणा में तय करेगा और बाकी का 87 किलोमीटर उत्तरप्रदेश में. दुनिया भर में मौजूद आधुनिकतम तकनीक से बनाये जा रहे इस एक्सप्रेस-वे की कई और खासियत इसे आधुनिक भारत की नई पीढ़ी से भी जोड़ती है जिसे स्पीड और स्वच्छ वातावरण चाहिए. इस एक्सप्रेस-वे पर लगभग हर 65 किलोमीटर पर सुविधा कॉम्प्लेक्स होंगे. यहां ट्रकों की पार्किंग, ड्राइवर के आराम के लिए कमरे, पेट्रोल पंप, हेलीपैड, बैटरी से चलने वाले वाहनों की चार्जिंग की सुविधा, ढाबे, बड़े होटल, मोटल, बाजार और बच्चों की सुविधा की जगह होगी.
पूरे एक्सप्रेस-वे पर शाम ढलते ही सोलर लाइट्स जल उठेंगी यानी पूरा रास्ता सौर ऊर्जा से जग-मग होता रहेगा. 270 किलोमीटर के इस खूबसूरत खास रास्ते पर 7 जगह नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे का इंटरचेंज होगा. हरेक इंटरचेंज या फिर पुल और टॉल प्लाजा के आसपास हरियाली और फव्वारों व रोशनी की खूबसूरत कुदरती सजावट की गई है.
मंत्रालय का दावा है कि एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर ढाई लाख से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं. इनकी ड्रिप इरिगेशन से सिंचाई की जा रही है. नियमित सिंचाई से अब वो वृक्ष बन गए हैं. ऑटोमेटेड इलेक्ट्रॉनिक टोल प्लाजा होंगे जिनमें स्मार्ट कार्ड से ही टोल चार्ज का ऑटोमेटिक भुगतान हो जाएगा. चप्पे-चप्पे पर हाई रेजोल्यूशन CCTV कैमरे भी होंगे. यानी स्मार्टनेस हर तरफ दिखेगी.