
केन्द्रीय उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने शुक्रवार को कहा कि देश में यूरिया आपूर्ति आरामदायक स्थिति है तथा कांग्रेस शासित राजस्थान और मध्य प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों को उनकी मांग की तुलना में अधिक उर्वरक उपलब्ध कराया गया है. मंत्री ने कुछ राज्यों पर यूरिया आपूर्ति को 'राजनीतिक मुद्दा' बनाने का आरोप लगाया और जोर देकर कहा कि अगर उर्वरक की कोई कमी है, तो ऐसा उनकी वितरण अक्षमता के कारण है.
उन्होंने कहा कि यूरिया की कमी की रिपोर्ट तब से उभरी है जब राजस्थान और मध्य प्रदेश में हाल ही सरकारें बदली हैं, हालांकि चालू रबी (सर्दियों) के मौसम के लिए उनकी आवश्यकता के अनुसार उन्हें आपूर्ति की गई है. उन्होंने कहा कि सभी राज्यों की 21.33 लाख टन यूरिया की जो आवश्यकता थी उसके मुकाबले लगभग 25.06 लाख टन यूरिया उपलब्ध कराया गया है.
राजस्थान के मामले में, अब तक 1.74 लाख टन की दिसंबर महीने की आवश्यकता के मुकाबले करीब 2.08 लाख टन यूरिया उपलब्ध कराया गया है. 27,000 टन यूरिया रास्ते में है जिसके एक या दो दिन में राज्य तक पहुंचने की संभावना है. यूरिया की अधिकतम खुदरा कीमत 5,360 रुपए प्रति टन तय की गई है. यह सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला उर्वरक है क्योंकि इस पर काफी सब्सिडी दी जाती है.
गौड़ा ने संवाददाताओं से कहा, "यूरिया आपूर्ति की स्थिति पूरे देश में आरामदायक है. यहां तक कि राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी, हमने आवश्यकता से अधिक आपूर्ति की है. संबंधित राज्यों के मुख्य सचिव पूरी तरह से संतुष्ट हैं." उन्होंने कहा कि केंद्र की ज़िम्मेदारी राज्यों को उनकी आवश्यकता के अनुसार उर्वरकों की आपूर्ति करना है, लेकिन समय पर किसानों को उचित वितरण सुनिश्चित करने का काम राज्यों का है.
यूरिया की किसी भी प्रकार की कमी की संभावना को नकारते हुए गौड़ा ने कहा, "कुछ राज्य इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं और वे केंद्र को दोष देना चाहते हैं क्योंकि उनकी (राज्यों) वितरण व्यवस्था किसानों की अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं है."
उन्होंने कहा कि स्वदेशी यूरिया के अलावा, विभिन्न बंदरगाहों पर लगभग दस लाख टन आयातित यूरिया है. इसके अलावा, चालू महीने और जनवरी में 10 लाख टन से अधिक आयातित यूरिया आने की उम्मीद है.
राज्यों में यूरिया खपत के शीर्ष दौर को ध्यान में रखते हुए, रेल मंत्रालय के साथ तालमेल में उर्वरक मंत्रालय ने पहले ही देश के पश्चिमी तट और पूर्वी तट के दोनों बंदरगाहों से यूरिया की आवाजाही को प्राथमिकता दी है.
गौड़ा ने यह भी कहा कि केंद्र सभी राज्यों और किसी भी प्रकार के उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. भारत सालाना 2.4 करोड़ टन यूरिया का उत्पादन करता है और इसकी कमी को पूरा करने के लिए लगभग 50-60 लाख टन यूरिया का आयात करता है.