
सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक में किसी भी तरह के तनाव की बात से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को साफ इंकार किया. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश के प्रति केंद्रीय बैंक की जिम्मेदारियों को लेकर आरबीआई के निदेशक मंडल के सदस्यों के बीच चर्चा होने में कुछ भी गलत नहीं है.
आरबीआई निदेशक मंडल की सोमवार को हुई अहम बैठक के बीच गोयल ने इंदौर में कहा, "हमें सरकार और आरबीआई में कोई तनाव नहीं दिखायी दे रहा है, यह तनाव केवल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और आप लोगों (मीडिया) को दिखायी दे रहा है."
उन्होंने कहा, "सरकार की ओर से पहले ही स्पष्टीकरण आ चुका है कि उसने आरबीआई के आरक्षित कोष से एक रुपया भी नहीं मांगा है." गोयल ने हालांकि, कहा कि एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्थान के रूप में आरबीआई की देश के प्रति कुछ जिम्मेदारियां भी हैं. अगर इन जिम्मेदारियों पर केंद्रीय बैंक का निदेशक मंडल राष्ट्रहित में चर्चा करता है, तो किसी भी व्यक्ति को इस पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष के इस आरोप को खारिज किया कि नरेंद्र मोदी सरकार आरबीआई को बर्बाद करने की कोशिश कर रही है. गोयल ने पलटवार करते हुए कहा, "कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने देश की हर संवैधानिक संस्था का अपमान किया है. सब जानते हैं कि इन सरकारों ने गुजरे बरसों में आरबीआई गवर्नरों को केंद्रीय बैंक से किस तरह बाहर निकाला है."
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "आरबीआई के निदेशक मंडल की बैठक समय-समय पर होती रहती है. इसमें राहुल को इतनी दिक्कत क्यों हो रही है? शायद राहुल को कॉर्पोरेट प्रशासन की कम जानकारी है." गोयल के पास रेल मंत्रालय के साथ कोयला मंत्रालय भी है. इससे पहले कुछ समय के लिये वह वित्त मंत्रालय का कामकाज भी देख चुके हैं.
रबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य अपनी टिप्पणी में कह चुके हैं कि सरकारें जो अपने केंद्रीय बैंक की स्वतंत्रता का सम्मान नहीं करतीं, उन्हें जल्दी या देरी में वित्तीय बाजार की नाराजगी का सामना करना होगा. वहीं दूसरी तरफ आरबीआई गवर्नर इस घमासान के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर चुके हैं.
कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार रिजर्व बैंक के भंडार को हथियाने के लिए उसके ऊपर कब्जा करने का इरादा बना चुकी है. चिदंबरम ने कहा, 'दुनिया में कहीं भी केंद्रीय बैंक, उसके निदेशक मंडल द्वारा प्रबंधित कंपनी नहीं है. यह सुझाव देना कि निजी कंपनियों के लोग गवर्नर को निर्देश देंगे, हास्यास्पद है.'
बता दें कि रिजर्व बैंक के पास 9.59 लाख करोड़ रुपये का भारी-भरकम कोष है. आरोप लग रहे हैं कि सरकार इस कोष का एक हिस्सा लेना चाहती है. इसके अलावा दूसरे कई मसलों पर भी टकराव की स्थिति के दावे किए जा रहे हैं.