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पूर्वोत्तर में मॉनसून से पहले जमकर बरसे बदरा, 71 फीसदी बारिश

आईएमडी ने बताया कि इस साल मॉनसून (जून-सितंबर) के दौरान पूर्वोत्तर भारत में 93 फीसदी बारिश हो सकती है. पूर्वोत्तर के राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा आते हैं.

पूर्वोत्तर के पहाड़ी इलाकों में बिगड़ा मौसम का मिजाज पूर्वोत्तर के पहाड़ी इलाकों में बिगड़ा मौसम का मिजाज
आशुतोष कुमार मौर्य
  • अगरतला,
  • 02 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:59 PM IST

देश के पूर्वोत्तर के पहाड़ी इलाकों में मॉनसून के दस्तक देने से पहले बारिश शुरू हो गई है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, त्रिपुरा में मॉनसून के पहले तीन महीने में 71 फीसदी अधिक बारिश हुई है. हालांकि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र में औसत से कम बरसात दर्ज की गई है.

आईएमडी ने बताया कि इस साल मॉनसून (जून-सितंबर) के दौरान पूर्वोत्तर भारत में 93 फीसदी बारिश हो सकती है. पूर्वोत्तर के राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा आते हैं.

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आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल मार्च से मई के बीच मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा में सामान्य बारिश दर्ज की गई, जो इस क्षेत्र में मॉनसून से पहले के तीन महीने में सामान्य से सात फीसदी कम बारिश है.

मेघालय का चेरापूंजी दुनिया में दूसरा सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान है, जबकि इसी राज्य में मासिनराम में दुनिया में एक साल में सबसे ज्यादा 11,873 मिलीमीटर बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है. चेरापूंजी में जुलाई 1861 में 9,300 मिलीमीटर बारिश हुई थी, जो एक महीने में सबसे ज्यादा बारिश किसी स्थान पर होने का रिकॉर्ड है.

आईएमडी के निदेशक दिलीप साहा ने कहा, 'मॉनसून पूर्व की अवधि में त्रिपुरा में 71 फीसदी अधिक बारिश हुई है. एक मार्च से लेकर 31 मई तक त्रिपुरा में 985 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि प्रदेश में इस दौरान औसत बारिश 574.2 मिलीमीटर रहती है.'

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