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सिद्धू पर कांग्रेस की नजर, मनाने की कोशिशें तेज

कांग्रेस के पंजाब और केंद्र के लीडर नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी को कांग्रेस में शामिल करने के लिए दिए गए ऑफर पर तो कुछ भी खुल कर नहीं बोल रहे लेकिन वो सिद्धू के पिता के कांग्रेसी होने और सिद्धू के डीएनए में कांग्रेस के होने की बात कहकर उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश में लगे हैं.

नवजोत सिंह सिद्धू नवजोत सिंह सिद्धू
प्रियंका झा/सतेंदर चौहान
  • चंडीगढ़,
  • 25 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 7:40 AM IST

आम आदमी पार्टी के साथ नवजोत सिंह सिद्धू की बातचीत ठप्प होते ही कांग्रेस ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले सिद्धू को अपने साथ जोड़ने की कोशिशें तेज कर दी हैं. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब कांग्रेस की नवजोत कौर सिद्धू को हर हाल में कांग्रेस में लाने की कोशिश है.

कांग्रेस की सरकार बनने पर सिद्धू को डिप्टी-सीएम और नवजोत कौर सिद्धू को कैप्टन अमरिंदर सिंह के सीएम बनने पर अमृतसर की खाली होने वाली लोकसभा सीट पर चुनाव लड़वाने का वादा किया जा सकता है. आलाकमान की और से सिद्धू को कांग्रेस में लाने के लिए बातचीत करने और फैसला लेने के लिये कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस की लीडरशिप को अधिकृत कर दिया गया है.

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हालांकि कांग्रेस के पंजाब और केंद्र के लीडर नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी को कांग्रेस में शामिल करने के लिए दिए गए ऑफर पर तो कुछ भी खुल कर नहीं बोल रहे लेकिन वो सिद्धू के पिता के कांग्रेसी होने और सिद्धू के डीएनए में कांग्रेस के होने की बात कहकर उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश में लगे हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह के अनुसार सिद्धू के डीएनए में ही कांग्रेस है, उसके पिता भी 2 बार कांग्रेस की और से चुनाव लड़ चुके हैं, उसे कांग्रेस में आना ही चाहिए.

वहीं कांग्रेस, आलाकमान ने भी इशारा कर दिया है कि कांग्रेस में सिद्धू को शामिल करने के लिए ऑफर देने से लेकर बातचीत करने के लिए कोई भी फैसला लेने के लिए पंजाब कांग्रेस की लीडरशिप और कैप्टन अमरिंदर सिंह को अधिकृत कर दिया गया है.

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नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में काफी पॉपुलर है और कांग्रेस भी उनकी इसी पॉपुलेरिटी को आने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों में भुनाना चाहती है. आम आदमी पार्टी से सिद्धू की बातचीत ठंडे बस्ते में जाने के बाद कांग्रेस ने सिद्धू को अपने साथ लाने के लिए भारी भरकम ऑफर भी दे दिया है. अब गेंद सिद्धू के पाले में है और देखना दिलचस्प होगा कि सिद्धू कांग्रेस के इस बुलावे पर क्या फैसला लेते हैं.

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