
लोकसभा चुनाव में हरियाणा में कांग्रेस की करारी हार ही काफ़ी नहीं थी कि अब पार्टी की प्रदेश इकाई की अंदरूनी कलह भी खुल कर सामने आ गई है. हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस को इस बार एक भी सीट पर कामयाबी नहीं मिली. हरियाणा कांग्रेस में पार्टी संगठन में बदलाव की मांग जोर पकड़ने के बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को दिल्ली में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है.
हरियाणा में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने की वजह से हुड्डा राज्य में पार्टी के अभियान को धार देने की तैयारियों में जुटे हैं. हुड्डा खास तौर पर मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार के कथित भ्रष्टाचार को उजागर करने की मुहिम चलाने को कमर कस रहे हैं.
दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान के लिए आने वाले हफ्तों में पार्टी की हरियाणा इकाई को लेकर सिरदर्द बढ़ने वाला है. संभवत: नवंबर में हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के पार्टी नेता अपना शक्ति प्रदर्शन दिखाने की तैयारी में हैं.
हरियाणा में अहम विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के प्रदेश संगठन में बदलाव की मांग जोर पकड़ रही है. लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के सदमे से कांग्रेस नेता अभी तक नहीं उभरे हैं. लोकसभा चुनाव में रोहतक सीट से इस बार हुड्डा के बेटे दीपेंद्र हुड्डा भी हार गए. दीपेंद्र हुड्डा ने 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद रोहतक सीट से जीत हासिल की थी.
दीपेंद्र हुड्डा की हार ही कम नहीं थी कि भूतपूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा भी सोनीपत लोकसभा सीट से चुनाव हार गए. हालांकि कांग्रेस आलाकमान को अभी हरियाणा में पार्टी की हार के कारणों की समीक्षा के साथ जिम्मेदारी तय करना बाकी है लेकिन हुड्डा पूरे तेवर के साथ मैदान में हैं. उन्होंने पार्टी आलाकमान को संदेश देने के लिए रविवार को दिल्ली में अपने समर्थकों की बैठक बुलाई है.
हुड्डा विधानसभा चुनाव के लिए जुलाई से अभियान शुरू करने में जुटे हैं. पार्टी के एक नेता ने कहा, “हर हफ्ते खट्टर सरकार की कारगुजारियों से जुड़ा एक खुलासा किया जाएगा. भर्तियों से लेकर खनन तक खट्टर सरकार गले तक भ्रष्टाचार में डूबी है, हम उसे जनता के सामने बेनकाब करेंगे.”