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NRC-NPR विवाद: ओवैसी बोले- गृह मंत्रालय की रिपोर्ट पढ़ें अमित शाह

असदुद्दीन ओवैसी ने गृह मंत्री अमित शाह को गृह मंत्रालय की रिपोर्ट पढ़ने की सलाह दी है. ओवैसी ने कहा है कि गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में एनआरसी और एनपीआर में संबंध है. अमित शाह कह रहे हैं कि दोनों में कोई संबंध नहीं है. पहले उन्हें अपने मंत्रालय की रिपोर्ट पढ़ लेनी चाहिए.

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Photo-ANI) AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Photo-ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 12:09 PM IST

नागरिकता कानून और एनआरसी पर जारी बहस के बीच अब राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) पर भी विवाद खड़ा हो गया है. सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि एनपीआर और एनआरसी में कोई संबंध नहीं है, जबकि विपक्षी दल इस पर सवाल उठा रहे हैं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तो इस मसले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को गृह मंत्रालय की रिपोर्ट पढ़ने तक की सलाह दे दी है.

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असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि, 'गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) में संबंध है. अमित शाह कह रहे हैं कि दोनों में कोई संबंध नहीं है. पहले उन्हें अपने मंत्रालय की रिपोर्ट पढ़ लेनी चाहिए.'

अमित शाह ने क्या कहा

न्यूज एजेंसी को दिए अपने इंटरव्यू में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि NPR जनसंख्या का रजिस्टर है यानी देश में जो लोग भी रहते हैं ये उनका रजिस्टर है. जबकि NRC में हर व्यक्ति से प्रूफ मांगे जाते हैं कि आप इस देश के नागरिक हैं या नहीं. शाह ने कहा है कि ये दोनों प्रक्रिया अलग-अलग हैं और NPR का कोई भी डेटा NRC में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

किस रिपोर्ट की बात कर रहे हैं ओवैसी

ओवैसी ने गृहमंत्री अमित शाह को गृहमंत्रालय की जिस रिपोर्ट को पढ़ने के लिए कहा है, उससे जुड़ी एक प्रेस रिलीज भी उन्होंने सार्वजनिक की है. 26 नवंबर 2014 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय के हवाले से पीआईबी में लिखा गया है कि NRC के लिए NPR पहला कदम है. ओवैसी गृह मंत्रालय के इसी बयान का हवाला देकर अमित शाह को घेर रहे हैं.

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NPR अपडेट को कैबिनेट की मंजूरी

मंगलवार (24 दिसंबर) को ही मोदी कैबिनेट ने एनपीआर अपडेट करने को मंजूरी दी है. इस अपडेशन में 3941.35 करोड़ रूपए का खर्च आएगा. असम को छोड़कर देश के अन्‍य हिस्‍सों में एनपीआर रजिस्‍टर के अपडेशन का काम किया जाएगा. बता दें कि नागरिकता कानून 1955 तथा नागरिकता नियम 2003 के तहत राष्‍ट्रीय जनसंख्‍या रजिस्‍टर (एनपीआर) पहली बार 2010 में तैयार किया गया था. आधार से जोड़े जाने के बाद  2015 में इसे अपडेट किया गया था और अब एक बार फिर इसे अपडेट करने का फैसला किया गया है.

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