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NSG के पास जल्द होगा अपना एंटी ड्रोन सिस्टम, दुश्मन की हरकत पर रखेगा कड़ी नजर

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के पास जल्द ही अपना एंटी ड्रोन सिस्टम होगा. 31 अक्टूबर को गुजरात के केवड़िया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की याद में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे, तब ये एंटी ड्रोन सिस्टम स्टेच्यू ऑफ यूनिटी नाम से बनी सरदार पटेल की प्रतिमा पर तैनात होगा.

पीएम के कार्यक्रम के दौरान स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर तैनात एंटी ड्रोन सिस्टम (फोटो-रॉयटर्स) पीएम के कार्यक्रम के दौरान स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर तैनात एंटी ड्रोन सिस्टम (फोटो-रॉयटर्स)
कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 16 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 7:34 AM IST

  • पीएम के कार्यक्रम के दौरान स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर तैनात होगा एंटी ड्रोन सिस्टम
  • तैनाती क्षेत्र में दुश्मन के किसी भी ड्रोन को मार गिराने की क्षमता रखता है ये ड्रोन

राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के पास जल्द ही अपना एंटी ड्रोन सिस्टम होगा. 31 अक्टूबर को गुजरात के केवड़िया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की याद में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होंगे, तब ये एंटी ड्रोन सिस्टम 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' नाम से बनी सरदार पटेल की प्रतिमा पर तैनात होगा.

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सुरक्षा से कोई समझौता नहीं

बड़े पैमाने पर बढ़ते ड्रोन के खतरे के साथ सुरक्षा बल कोई भी समझौता नहीं करना चाहते. एनएसजी के एक आला अधिकारी ने कहा, "एंटी ड्रोन तकनीक आम तौर पर अर्बन इलाकों में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस जैसे मौकों पर इस्तेमाल होती है. अब इसे गुजरात में हो रहे इस बड़े आयोजन में ले जाने की संभावना है."

इस तकनीक के रडार का वजन 200 किलोग्राम है. कहा जा रहा है कि वास्तविक एंटी ड्रोन स्वीडिश कंपनी का है, जो तैनाती के आसपास के क्षेत्र में दुश्मन के किसी भी ड्रोन को मार गिराने की क्षमता रखता है. 31 अक्टूबर के कार्यक्रम की सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ के पास है जो कि एक केंद्रीय एजेंसी है. सूत्रों का कहना है कि एसपीजी और एनएसजी जैसी सुरक्षा एजेंसियां भी वहां मौजूद रहेंगी.

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एंटी ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन

मंगलवार को मानेसर में एंटी ड्रोन तकनीक का लोगों के समक्ष प्रदर्शन किया गया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एनएसजी के 35वें स्थापना दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे. अमित शाह ने सुरक्षा बल की तारीफ करते हुए कहा, "एनएसजी ने आज किसी भी संभावित आतंकी हमले का जवाब देने की अपनी क्षमता से दुनिया को प्रभावित किया है. इससे देश के लोगों का मनोबल बढ़ेगा कि देश सुरक्षित हाथों में है."

हाल ही में पंजाब बॉर्डर पर ड्रोन की मदद से हथियार गिराए जाने का मामला सामने आया था. इसके तुरंत बाद एनएसजी ने अपनी एंटी ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन किया है. मानेसर में एक हाई इलेक्ट्रो-मैग्नेटिक पल्स (HEMP) नाम के इजराइली मॉडल का प्रदर्शन किया गया. हालांकि, ब्लैक कैट्स द्वारा इसे दो साल पहले ही लाया गया था, लेकिन अब तक एंटी ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल सिर्फ ​सीआरपीएफ किसी ड्रोन खतरे को पहचानने, उसे निष्क्रिय करने के लिए कर सकती थी. 

कितना कारगर होगा एंटी ड्रोन सिस्टम

एक आला अधिकारी ने कहा कि इस तकनीक से किसी भी तरह के ड्रोन को जाम किया जा सकता है. एंटी ड्रोन सिस्टम की मदद से 3 किलोमीटर के दायरे में किसी भी ड्रोन को निष्क्रिय किया जा सकता है. यह ड्रोन के जीपीएस को ब्लॉक कर सकता है और कंट्रोल कमांड रूम तक सही सूचना पहुंचाने में सक्षम है.

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एनएसजी के डीजी एसएस देशवाल ने इंडिया टुडे को बताया, "हम किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार हैं." एनएसजी बॉर्डर पर बरामद ड्रोन को देखने के लिए अपनी टीम भेज रही है.

देशवाल ने बताया, "वहां पर बीएसएफ है, सेना है, वायुसेना है और यहां तक कि एनएसजी भी है. खुफिया सूचनाओं से संकेत मिलता है कि पाकिस्तान ड्रोन की मदद से भारतीय सीमा में पंजाब के अंदर हथियार और नशीली दवाएं भेज रहा है. ये ड्रोन अब आतंकियों तक भी पहुंच चुके हैं. एजेंसियों का अनुमान है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी ग्रुप ड्रोन की मदद से किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं."

सूत्रों का कहना है कि हालांकि एनएसजी ने जो ड्रोन खरीदे हैं वे परीक्षण के आधार पर खरीदे गए हैं. लेकिन और भी एंट्री ड्रोन मंगाकर क्षेत्रीय ठिकानों पर तैनात किए जा सकते हैं. डीजी ने भी इस बात की पुष्टि की कि एनएसजी ब्लैक कैट्स के विस्तार के बारे में सोच रही है.

उन्होंने इंडिया टुडे से कहा, "जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा वातावरण को ध्यान में रखते हुए श्रीनगर में हमारा एक केंद्र पिछले एक साल से सक्रिय है. हमारा पड़ोसी मुल्क वांछित नैतिकतापूर्ण बर्ताव नहीं करता. दूसरी तरफ से कभी भी कोई भी हरकत हो सकती है. इसलिए उन हालात से निपटने के लिए श्रीनगर में पहले से ही एक केंद्र सक्रिय है और इसके अलावा हम अमृतसर और पठानकोट में भी अपने केंद्र सक्रिय करने की प्रक्रिया में हैं."

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