Advertisement

पूर्व मेजर का आरोप- सेना के अफसर सैन्य वाहनों का करते हैं 'दुरुपयोग'

मेजर चौधरी ने लिखा, कुछ चंद लोगों की महत्वाकांक्षाओं की वजह से गौरवशाली रहा सैन्य विभाग को अब बदनामी झेलनी पड़ रही है और इसकी वजह से सेना के वरिष्ठ लोग  दुख हो रहे हैं.

निर्मला सीतारमण (फाइल) निर्मला सीतारमण (फाइल)
वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 01 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:47 PM IST

सैन्य परिवहन विमान एएन-32 के लिए कल-पुर्जे की आपूर्ति के सौदे में कथित 'रिश्वतखोरी' का मामला अभी चल ही रहा था कि रक्षा मंत्रालय को लेकर एक आरोप सामने आ गया है. एक पूर्व अफसर ने आरोप लगाया है कि रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी सैन्य वाहनों का 'दुरुपयोग' करते हैं. इनमें वे अफसर भी शामिल हैं, जो रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ काम करते हैं.

Advertisement

मेजर प्रियदर्शी चौधरी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि रक्षा मंत्रालय के अधिकारी और ऑडिटर्स सैन्य वाहन का दुरुपयोग करते हैं. शुक्रवार को सिलसिलेवार ट्वीट में चौधरी ने मोदी सरकार को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन (ओआरओपी) को सितंबर 2015 में लागू किया था.

बता दें कि मेजर चौधरी सेना के दूसरे बड़े पुरस्कार सूर्य चक्र से सम्मानित हैं. आतंकी विरोधी ऑपरेशन के दौरान 8 आतंकियों को ठिकाने लगाने और एक को जिंदा पकड़ने वाले मेजर चौधरी ने कहा, सैन्य अधिकारियों का एक तबका अभी भी ओआरओपी को लेकर नाखुश है. यह तबका इसके सही ढंग से लागू किए जाने के इंतजार में बैठा हुआ है. सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी सरकार से पेंशन योजना को तर्कसंगत बनाने और हर पांच साल पर इसमें वृद्धि करने की मांग कर रहे हैं.

Advertisement

मेजर चौधरी ने लिखा, कुछ चंद लोगों की महत्वाकांक्षाओं की वजह से गौरवशाली रहे सैन्य विभाग को अब बदनामी झेलनी पड़ रही है और इसकी वजह से सेना के वरिष्ठ लोग दुखी हो रहे हैं.

गौरतलब है कि यूक्रेन के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर रिश्वतखोरी के मामले की जांच में मदद मांगी है. इस पत्र में कहा गया है कि भारत के रक्षा मंत्रालय और यूक्रेन की कंपनी 'स्पेट्स टेक्नो एक्सपोर्ट' के बीच 26 नवंबर, 2014 को एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया गया.

इस अनुबंध के तहत यूक्रेन की कंपनी को भारतीय वायुसेना के विमान एएन-32 के लिए कल-पुर्जे की आपूर्ति करना था. पत्र में कहा गया है कि इस सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है. 17.5 करोड़ रुपये की घूस की बात सामने आई है. एक अंग्रेजी दैनिक की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की थी. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement