
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने यूरोपियन यूनियन (ईयू) को पत्र लिखा है. उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रस्ताव पर यूरोपीय संसद के अध्यक्ष डेविड मारिया को सोमवार को पत्र लिखा. ओम बिड़ला ने ईयू संसद के अध्यक्ष से कहा कि एक विधान मंडल का दूसरे विधान मंडल पर फैसला देना अनुचित है, इस चलन का निहित स्वार्थों द्वारा दुरुपयोग किया जा सकता है.
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पत्र में ओम बिड़ला ने कहा है कि अंतर-संसदीय यूनियन के सदस्य होने के नाते हमें अन्य विधानमंडलों की संप्रभु प्रक्रियाओं का सम्मान करना चाहिए. पत्र में लोकसभा स्पीकर ने सीएए पर बताया कि यह पड़ोसी देशों में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हुए लोगों को आसानी से नागरिकता देने के लिए है, न कि किसी की नागरिकता छीनने के लिए. इसे भारतीय संसद के दोनों सदनों में चर्चा के बाद पास किया गया है. पत्र में आगे लिखा है कि इंटर पारलियामेंटरी यूनियन का सदस्य होने के नाते, हमें एक दूसरे की संप्रभु प्रक्रिया का सम्मान करना चाहिए, खासकर लोकतंत्र में.
हालांकि यूरोपीय संघ ने कहा है कि यूरोपीय संसद की ओर से व्यक्त किए गए मसौदे और राय यूरोपीय संघ की आधिकारिक स्थिति को बयां नहीं करते हैं. यूरोपीय संघ के प्रवक्ता विर्गिनी बट्टू हेनरिक्सन ने 'इंडिया टुडे' से कहा, यूरोपीय संसद इस कानून (सीएए) पर चर्चा करने की योजना बना रही है. भारत का सुप्रीम कोर्ट फिलहाल इस कानून की संवैधानिकता पर विचार कर रहा है.
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ईयू के प्रवक्ता ने कहा, अपनी प्रक्रिया के तहत यूरोपीय संसद ने एक मसौदा प्रस्ताव जारी किया है. यह जानना जरूरी है कि यह महज मसौदा है जिसे यूरोपीय संसद के अलग-अलग राजनीतिक समूहों ने पेश किया है. हम स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि यह यूरोपीय संघ की स्थिति को नहीं दर्शाता है.