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GST का 1 साल पूरा, वित्त मंत्रालय ने कहा- अर्थव्यवस्था में गेम चेंजर साबित हुई नई व्यवस्था

वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, पहला साल इसके कार्यान्वयन की चुनौतियों और नीति नियंताओं व कर प्रशासकों की उत्सुकता व क्षमता दोनों के लिए उल्लेखनीय रहा, जिन्होंने उभरती चुनौतियों का यथोचित उपाय किया.

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर
रणविजय सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 30 जून 2018,
  • अपडेटेड 6:21 AM IST

केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि भारतीय कर प्रणाली में अभूतपूर्व सुधार के एक साल पूरे होने को यादगार बनाने के लिए एक जुलाई को जीएसटी दिवस मनाया जाएगा. संसद के केंद्रीय कक्ष में एक कार्यक्रम के दौरान 30 जून, 2017 की मध्यरात्रि को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लांच होने के साथ एक जुलाई, 2017 से देश में नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू हो गई थी.

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वित्त मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, पहला साल इसके कार्यान्वयन की चुनौतियों और नीति नियंताओं व कर प्रशासकों की उत्सुकता व क्षमता दोनों के लिए उल्लेखनीय रहा, जिन्होंने उभरती चुनौतियों का यथोचित उपाय किया. वित्त मंत्रालय ने कहा, लेकिन गौर करने की बात यह है कि भारतीय कर प्रणाली में इस अभूतपूर्व सुधार में भारतीय करदाताओं के भागीदार बनने की तत्परता से दुनिया के लिए जीएसटी एक मिसाल बन गई है.

नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू होने से पहले भारत में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों द्वारा लगाए जाने वाले करों का एक गड़बड़झाला था. मंत्रालय ने कहा, जीएसटी का भारतीय अर्थव्यवस्था पर सही मायने में अभूतपूर्व प्रभाव पड़ा है और यह एक गेम चेंजर साबित हुआ है, क्योंकि इससे कई स्तरों पर लगने वाले अप्रत्यक्ष करों की जटिल व्यवस्था बदल गई है और उसकी जगह एक सरल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी से प्रेरित कर व्यवस्था आ गई है.

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वित्त मंत्रालय ने कहा, अंतर्राज्यीय व्यापार की बाधाएं दूर होने से भारत में एकल बाजार व्यवस्था कायम होगी. विभिन्न स्तरों पर लगने वाले करों को समाप्त करके और लेन-देन लागत को कम करके यह देश में व्यापार को सुगम बना देगा और मेक इन इंडिया कार्यक्रम को प्रोत्साहन देगा. जीएसटी से एक राष्ट्र एक कर और एक बाजार व्यवस्था कायम होगी.

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